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डाउनलोड करेंएक्टर अक्षय कुमार और ट्विंकल खन्ना की शादी 17 जनवरी 2001 को हुई थी। टच वुड! इनके रिश्ते में सब फर्स्ट क्लास दिख रहा है। मैरिज काउंसलर के अनुसार दोनों की ओर से अपनी शादी पर की गई मेहनत को इसका श्रेय दिया जाना चाहिए। वहीं अक्षय की एस्ट्रो-आर्किटेक्ट के हिसाब से उनके घर का मैरिज कॉर्नर भी कमाल का है।
मैरिज कॉर्नर भी दिखा रहा कमाल का असर
ट्विंकल खन्ना की शादी में शामिल हो चुकी एस्ट्रो-आर्किक्ट नीता सिन्हा बताती हैं कि ये कपल बेहद मजाकिया हैं। ट्विंकल बेबाक और स्पष्ट स्वभाव की हैं। उनके इस स्वभाव को अक्षय की समझदारी संभाल लेती है। दोनों के बीच की यह ट्यूनिंग इस रिश्ते का आधार है।
अक्षय की एस्ट्रो-आर्किटेक्ट नीता इस बात पर भी जोर देती हैं कि इनके घर का ‘मैरिज कार्नर’ सही जगह पर है। घर के अंदर केवल पॉजिटिविटी देखने को मिलती है। इसका भी इस दंपति के रिश्ते पर अच्छा असर पड़ता है।
अक्षय कुमार की प्राथमिकता उनकी फैमिली और काम
नई दिल्ली की सारथी काउंसलिंग सर्विसेज की मैरिज काउंसलर शिवानी मिसरी साधू के अनुसार, सेलिब्रिटी हमेशा लाइमलाइट में रहते हैं। इस वजह से उनके लिए शादी में लगातार मेहनत करना जरूरी होता है। इसे रिश्ते का ‘वर्क इन प्रोग्रेस’ भी कह सकते हैं।
जहां तक अक्षय कुमार की बात है, तो उन्होंने हमेशा अपने काम और फैमिली के बीच बैलेंस बनाकर रखा है। उनके बारे में मशहूर है कि वह देर रात तक काम नहीं करते, खुद को पार्टियों और इवेंट्स से दूर रखते हैं। अपनी रूटीन को लेकर स्ट्रिक्ट हैं। काम के समय काम और फैमिली के समय फैमिली उनकी प्राथमिकता होती है।
‘टू कप्स’ का टैरो कार्ड भी बनाता है ट्विंकल के रिश्ते को मजबूत
मुंबई की सेलिब्रिटी कार्ड रीडर अंशु पोपली के अनुसार, “टैरो कार्ड में ‘टू कप्स कार्ड’ अक्षय और ट्विंकल की मैरिज एनर्जी को दर्शाता है। यह बहुत ही पॉजिटिव कार्ड है। यह रिश्ते की मिठास को बनाए रखने का काम करता है। इसके साथ ही यह कार्ड रिश्ते में एक-दूसरे के काम की सराहना करना, एक-दूसरे की इज्जत करना सिखाता है।”
रिश्ते के लिए पार्टनर्स की पर्सनेलिटी नहीं बॉडिंग काम आती है
कनाडा की वेस्टर्न यूनिवर्सिटी के रिलेशनशिप डिसीजन लैब के डायरेक्टर सामन्था जोअल ने पति-पत्नी के रिश्ते की बुनियाद को नापने की कोशिश की। तकरीबन 43 अध्ययनों में शामिल 11 हजार से भी ज्यादा जोड़ियों के विचारों को इसमें शामिल किया गया।
स्टडी में यह बात सामने आई कि रिश्ते में पार्टनर्स की पर्सनेलिटी से ज्यादा जरूरी उनके बीच की बॉन्डिंग हैं। शादीशुदा जिंदगी से जुड़े हर पहलू में आपसी शेयरिंग का स्तर ही रिश्ते का आधार होता है।
तलाक तक पहुंचने के रास्ते में एक्सट्रामैरिटल अफेयर भी
बकौल शिवानी मिसरी साधू, “शादीशुदा रिश्ते में खटास घुलने की सबसे बड़ी वजह रिश्ते से बाहर सेक्सुअल रिलेशनशिप कायम करना होता है। मैरिज में वफादारी सबसे टॉप पर हाेती है। आज के समय में परिवार की आर्थिक स्थिति को भी रिश्ते के टूटने की एक बड़ी वजह बताया जा रहा है।”
खुशहाल रिश्ते की रेसिपी
मैरिज काउंसलर शिवानी मिसरी साधू यह भी मानती है कि हर शादी खुशियों, दुखों, शक, मुस्कराहटाें, आंसुओं, झगड़ों और समझौतों का मिक्सचर होती है। भारतीय शादी न केवल दो लोगों को साथ लाता है बल्कि दो परिवारों को जोड़ता है। ऐसे में शादी को खुशहाल बनाने के लिए पति-पत्नी को बहुत मेहनत करनी पड़ती है। दंपति का आपसी तालमेल, बातचीत, सब्र, समझदारी और समझौते ही शादी को कामयाब बनाते हैं। यही शादी को हिट बनाने की रेसिपी है।
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