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लालू ने जब अंग्रेजी में पढ़ी शायरी:प्रणब दा ने महिलाओं के प्रेशर को कुकर से जोड़ा, निर्मला की हिंदी ने हंसाया; सुरेश बोले- हे प्रभु, कैसे होगा!

नई दिल्ली4 महीने पहले
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भारत को पर्व-त्योहारों का देश कहते हैं। अभी राष्ट्रीय पर्व गणतंत्र दिवस बीता उससे पहले धार्मिक पर्व मकर संक्रांति। लेकिन आज एक नए किस्म का त्योहार है। यह न धार्मिक है और न ही राष्ट्रीय। आप इसे ‘आर्थिक’ त्योहार कह सकते हैं। जी हां, सही समझा आप ने। हम आज पेश होने वाले ‘बजट’ की बात कर रहे हैं।

यूनियन बजट यानी देश की आर्थिक स्थिति का ब्यौरा और आगामी साल की आर्थिक रूपरेखा। इस त्योहार में वित्त मंत्री मुख्य भूमिका में होते हैं। बाकी देश सप्ताह भर से बजट को लेकर नफा-नुकसान का आकलन करते हुए कमोबेश अर्थशास्त्री हो जाता है।

वित्त मंत्री के भाषण को सरकार हमेशा ‘ऐतिहासिक’ और विपक्ष ‘दिशाहीन’ बताती है।

आमतौर पर ये भाषण हमारी-आपकी समझ से परे होता है। लेकिन कई मौके ऐसे भी आए जब बजट के दौरान सदन ठहाकों से गूंज उठा। सदन में कभी कोई वित्तमंत्री शायराना हो गया तो किसी को नई भाषा बोलने का जुनून भी सवार हुआ।

सबसे लंबा बजट वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2020 में पढ़ा। उनका बजट भाषण 2 घंटे 40 मिनट तक चला। दूसरी ओर सबसे छोटा बजट भाषण एचएम पटेल ने 1977 में अंतरिम बजट पेश किया था। उनका बजट भाषण सिर्फ 800 शब्दों का था।

आइए आज बजट पेश करने के दौरान घटे ऐसे ही कुछ हंसी के लम्हों को याद कर लेते हैं

लालू यादव यूपीए-1 के शासनकाल में 2005-09 तक रेल मंत्री रहे। इस दौरान उन्होंने कुछ 6 रेल बजट पेश किए।
लालू यादव यूपीए-1 के शासनकाल में 2005-09 तक रेल मंत्री रहे। इस दौरान उन्होंने कुछ 6 रेल बजट पेश किए।

जब लालू ने लगाया ‘स्वीट फ्रूट ट्री’

2017 के पहले रेल बजट और आम बजट अलग-अलग पेश किया जाता था। ये उसी दौर की बात है। रेल मंत्री की हैसियत से लाल प्रसाद यादव बजट पेश कर रहे थे। लालू के बजट पेश करने का तरीका हमेशा मजेदार होता। शेरों-शायरी, तुकबंदी और हास्य-परिहास से भरपूर।

भाषण के दौरान लालू अपने कार्यकाल में रेलवे को हुए फायदे गिना रहे थे। इसी पर उन्होंने चुटीले अंदाज में एक कविता पढ़नी शुरू की। लेकिन सदन में बैठे कुछ लोगों ने उनकी चुटकी लेते हुए कहा-‘लालू जी अंग्रेजी में भी सुनाइए।’

फिर क्या था, लालू ने तुरंत कहा- आई विल ट्रांसलेट इट टू इंग्लिश’ और उसी शायरी को अंग्रेजी में सुनाने लगे। जब लालू यादव ने अंग्रेजी में कहा कि मैंने रेलवे के लिए स्वीट फ्रूट ट्री लगाया है, जो अब स्वीट-स्वीट फल दे रहा है। सदन हंसी से लोटपोट हो गया। लालू यादव की अंग्रेजी शायरी आज भी लोग याद करते हैं।

प्रणब मुखर्जी दो बार वित्त मंत्री रहे। उनके पहले और दूसरे कार्यकाल में 25 साल का फासला रहा। वे इंदिरा गांधी सरकार में पहली बार वित्त मंत्री बने थे।
प्रणब मुखर्जी दो बार वित्त मंत्री रहे। उनके पहले और दूसरे कार्यकाल में 25 साल का फासला रहा। वे इंदिरा गांधी सरकार में पहली बार वित्त मंत्री बने थे।

प्रणब दा बोले- महिलाओं पर नहीं कुकर में प्रेशर बनेगा

कांग्रेस सरकार के दौर में प्रणव मुखर्जी वित्त मंत्री हुआ करते थे। एक बार उन्होंने प्रेशर कुकर पर टैक्स कम किया था। प्रणब दा ने बजट भाषण में देश की महिलाओं को संबोधित करते हुए कहा कि अब महिलाओं पर घर के काम का प्रेशर नहीं बनेगा; ये काम प्रेशर कुकर करेगा। सदन में बैठी महिलाएं और पुरुष सदस्य अपनी हंसी नहीं रोक पाए।

निर्मला सीतारमन भारत की पहली पूर्णकालिक महिला वित्त मंत्री हैं। साल 2023-24 के लिए वो अपना 5वां बजट पेश करेंगी।
निर्मला सीतारमन भारत की पहली पूर्णकालिक महिला वित्त मंत्री हैं। साल 2023-24 के लिए वो अपना 5वां बजट पेश करेंगी।

निर्मला सीतारमण की हिचकोले खाती हिंदी

आमतौर पर निर्मला सीतारमण अंग्रेजी में ही अपना भाषण पढ़ती हैं। 2019-20 का बजट भाषण पढ़ते हुए निर्मला सीतारमण की हिचकोले खाती हिंदी ने लोगों के चेहरे पर मुस्कान ला दी।

मंजूर हाशमी का शेर पढ़ने से पहले ही निर्मला सीतारमण ने अपनी हिंदी के उच्चारण को लेकर आगाह कर दिया। फिर भी जब उन्होंने अपने अंदाज में ‘यकीन हो तो कोई रास्ता निकलता है; हवा की ओट लेकर भी चराग जलता है’ कहा तो संसद सदस्य अपनी हंसी नहीं रोक पाए। हालांकि बाद में सभी ने मेज ठोककर मंत्री की कोशिश की तारीफ की।

सुरेश प्रभु मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में रेल मंत्री रहे थे। बढ़ते रेल हादसों के बीच उन्होंने साल 2017 में इस्तीफा दे दिया।
सुरेश प्रभु मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में रेल मंत्री रहे थे। बढ़ते रेल हादसों के बीच उन्होंने साल 2017 में इस्तीफा दे दिया।

सुरेश बोले- हे प्रभु, ये कैसे होगा

साल 2015 में तत्कालीन रेल मंत्री सुरेश प्रभु रेल बजट पेश कर रहे थे। इसी दौरान जब ट्रेनों के सही समय पर चलाने की बात आई तो सुरेश बोले- हे प्रभु, ये कैसे होगा! पूरा सदन हंसते-हंसते लोटपोट हो गया। जिसके बाद सुरेश प्रभु बोले- उस प्रभु ने तो जवाब नहीं दिया अब इस सुरेश प्रभु को ही कुछ करना होगा।

अटलजी की खिंचाई के बाद इस्तीफा देने वाले थे मनमोहन

बात 1991 की है। केंद्र में पीवी नरसिंहराव की सरकार थी। बहैसियत वित्त मंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने अपना पहला बजट पेश किया। इस बजट ने देश की आर्थिक तकदीर बदल दी; लाइसेंसराज की जगह आर्थिक उदारीकरण लाया गया। यह बड़ा परिवर्तन था।

उस वक्त नेता प्रतिपक्ष अटलजी हुआ करते थे। बजट भाषण के बाद उन्होंने एक-एक पॉइंट पर मनमोहन सिंह को घेरना शुरु कर दिया। अटलजी के चुटिले हमलों से मनमोहन सिंह पेरशान हो गए। वो पीएम पीवी नरसिंहराव को अपना इस्तीफा देने चले गए। मामले को समझते हुए पीवी नरसिंहराव ने तुरंत अटलजी को फोन लगाया। जिसके बाद अटलजी ने मनमोहन सिंह को समझाया कि पक्ष-विपक्ष में ऐसे तकरार होते रहते हैं, इसमें इस्तीफा देने वाली कोई बात नहीं।

बजट वाली तकरार के बाद अटलजी और मनमोहन सिंह अच्छे दोस्त बन गए। जब अटलजी बीमार रहते थे तो मनमोहन उनको रेगुलर देखने जाते थे।
बजट वाली तकरार के बाद अटलजी और मनमोहन सिंह अच्छे दोस्त बन गए। जब अटलजी बीमार रहते थे तो मनमोहन उनको रेगुलर देखने जाते थे।

यशवंत सिन्हा ने कहा- हम आपके हैं कौन

साल 1999 में अटल सरकार में वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने बजट पेश किया। इस बजट में उन्होंने फिल्म उद्योग के लिए खास रियायत की घोषणा की। जिसके बाद उन्होंने मजाकिया लहजे में कहा- अब फिल्म वाले मुझसे ये नहीं पूछेंगे कि ‘हम आपके हैं कौन’।

यशवंत सिन्हा को 1998 में अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में वित्त मंत्री की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।
यशवंत सिन्हा को 1998 में अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में वित्त मंत्री की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।

केंद्रीय बजट के अलावा राज्यों के बजट में भी कुछ फनी लम्हे आए

यूपी में बजट के दौरान वित्त मंत्री ने लंच टाइम बढ़ाने की मांग की

पिछले साल यूपी के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना योगी-2 सरकार का पहला बजट पेश कर रहे थे। इसी दौरान कुछ सदस्यों ने पूछा कि ‘खाना-पानी’ का क्या इंतजाम है’ इस पर सुरेश खन्ना ने कहा कि हमने बहुत अच्छी व्यवस्था कर रखी है। लंच के साथ शाम की चाय भी पिलाएंगे।

लेकिन इन सब के लिए विधानसभा अध्यक्ष ने कम समय दिया था। जिसे देखते हुए सुरेश खन्ना ने अध्यक्ष से लंच टाइम बढ़ाने की रिक्वेस्ट की। इस पूरी चर्चा के दौरान सदन का माहौल ‘भोज-भात’ वाला हो गया। सदन में मौजूद सदस्यों ने जमकर ठहाके लगाए।

जब गहलोत ने वसुंधरा से सीखी शायरी

पिछले साल राजस्थान के मुख्यमंत्री खुद बजट पेश कर रहे थे। बजट पेश करते हुए उन्होंने दो बार शायरी कही। साथ ही वे विपक्ष की नेता वसुंधरा राजे से मुखातिब होकर बोले-वसुंधरा जी; मैं ऐसी बातें (शायरी) करता नहीं हूं, लेकिन आपसे सीखकर कह रहा हूं। गहलोत की इस टिप्पणी ने पक्ष-विपक्ष के विधायकों को हंसने पर मजबूर कर दिया।

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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अक्सर अपने बयानों की वजह से सुर्खियों में रहती हैं। ‘रुपया कमजोर नहीं हो रहा, बल्कि डॉलर मजबूत हो रहा है’ जैसे बयान मीम मैटेरियल बने। इसके अलावा उन्होंने हिंदी को लेकर कुछ ऐसे कह दिया जिसका यूपी-बिहार में खूब विरोध हुआ। निर्मला के ऐसे ही विवादित बयानों को पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें…

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