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डाउनलोड करेंकरिअर में किसी मुकाम पर पहुंचने के बाद ले या उसके पहले। मातृत्व का सुखद अनुभव हर महिला का ध्यान अपनी ओर खींचता है। व्यक्ति की जिंदगी में जैसे-जैसे सुविधाएं बढ़ती गई हैं, वैसे-वैसे ही उसकी शारीरिक चुनौतियों का ग्राफ भी ऊपर की ओर उठने लगा है। इसका असर मां बनने की क्षमता पर भी पड़ा है। इससे निपटने के लिए कैसे योग कारगार साबित हो सकता है, बता रही हैं दीवा योग की सीनियर इंस्ट्रक्टर स्नेहा शर्मा।
मां बनना मुश्किल क्यों हो गया है?
स्नेहा कहती हैं कि आज महिलाओं में हर तरह का चैलेंज लेने का जज्बा उभरा है, चाहे वह घर से जुड़ा हो या बाहर के कामों से। प्रेशर और रेस में आगे निकलने की चाहत ने महिलाओं के शारीरिक स्वास्थ्य को प्रभावित किया है। इसकी वजह से वे न सिर्फ थाइरॉयड, पीसीओडी जैसी परेशानियों से जूझती हैं, बल्कि मानसिक तनाव के बोझ से हर दिन दो-चार होती हैं। इन समस्याओं की वजह से उनके फर्टिलिटी रेट में भी कमी देखी जाती है। यानी मां बनने की राह अब पहले जैसी आसान नहीं रही।
क्या योग मां बनने की राह आसान करेगा?
स्नेहा कहती हैं कि योग के नियमित अभ्यास से महिलाएं मानसिक और शारीरिक तौर पर स्वास्थ रह सकती हैं। यह शरीर के मसल्स को मजबूत करता है। जब महिलाएं फर्टिलिटी बेहतर करने के लिए कुछ खास योगाभ्यास करती हैं, तो इससे उनके पेल्विक फ्लोर, ओवरी मसल्स, यूट्रस, हिप्स, एब्डोमिनल एरिया और जेनेटल ऑर्गन को मजबूती मिलती है। इसकी वजह से कंसीव करने की संभावना बढ़ जाती है। वे कहती हैं कि योग किसी तरह से इस बात की गारंटी नहीं देता है कि महिलाएं प्रेग्नेंट हो ही जाएंगी, लेकिन इसे जीवन में शामिल करने से हार्मोनल बैलेंस होता है, शरीर स्वास्थ और दिमाग शांत रहता है। इस वजह से महिलाओं में फर्टिलिटी रेट कि बढ़ोतरी देखी जाती है।
इन आसनों से बढ़ेगी मां बनने की उम्मीद
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