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प्रेग्नेंट सोनम कपूर ने किस फ्रूट जूस की तारीफ की:गर्भवती को दी पीने की सलाह, फूड्स जो बेबी का दिमाग रखते हैं तंदुरुस्त

नई दिल्लीएक वर्ष पहलेलेखक: निशा सिन्हा
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एक्ट्रेस सोनम कपूर प्रेग्नेंट हैं और अपनी प्रेग्नेंसी को खूब एंजॉय कर रही हैं। हाल ही में उन्होंने एक हेल्दी प्रेग्नेंसी टिप्स को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर शेयर किया, जो आजकल चर्चा में है।

सोनम की सलाह का सच
कुछ दिन पहले सोनम कपूर ने अपने इंस्टाग्राम स्टोरी में एक पोस्ट के जरिए गर्भवती मां को अनार का जूस पीने को कहा। यह वास्तव में डॉ. रोंडा पैट्रिक का ऑरिजनल पोस्ट है, जिन्हें सोनम कपूर फॉलो करती हैं। डॉ. रोंडा ने बायोमेडिकल साइंस में पीएचडी की है। डॉ. रोंडा के अनुसार, “गर्भवती महिलाएं हर दिन 8 औंस यानी करीब 240 मिली. अनार का जूस पिएं, तो उनके बच्चे का ब्रेन का सही विकास होगा।” यूएस की पब्लिक लाइब्रेरी ऑफ साइंस में प्रकाशित रिपोर्ट के हवाले से डॉ. रोंडा ने अपने ऑरिजनल पोस्ट में बताया है कि अनार के जूस के अलावा बेरी, नट्स, चाय में भी पॉलीफेनॉल्स पाए जाते हैं।

पॉलिफेनॉल्स के बारे में भी जानें
फूड्स में पाए जानेवाले पॉलिफेनॉल्स तत्व का काम दिमाग की रक्षा करना है। यह दिमाग की काेशिकाओं यानी न्यूरोन्स को न्यूरोटॉक्सिन्स से होनेवाले नुकसान से बचाता है। इतना ही नहीं, यह मेमोरी को बढ़ाने का काम भी करता है। इसमें सीखने की क्षमता को बढ़ाने की संभावना पाई गई है। यह ब्रेन के कॉग्नेटिव फंक्शन्स को भी इंप्रूव करता है। कॉग्नेटिव का मतलब होता है दिमाग से किए जाने वाले कार्य या विचार। सोचने, तर्क करने, समस्या को हल करने, निर्णय लेने और ध्यान देने जैसे दिमाग से किए जाने वाले काम कॉग्नेटिव फंक्शन्स में आते हैं।

दिमाग होगा तंदरुस्त
हार्वर्ड हेल्थ पब्लिशिंग के सीनियर फैक्लटी एडिटर डॉ. क्लेयर मैक्कार्थी के अनुसार, ब्रेन के विकास के लिए शुरुआत के 1000 दिन बेहद जरूरी होते हैं। इन दिनों में प्रेग्नेंसी और उसके बाद के दो सालों को शामिल किया गया है। इस समय ब्रेन में नर्व्स डेवलप और आपस में कनेक्ट हो रहे होते हैं। इस पीरियड में तैयार हो रहा पूरा नर्व्स सिस्टम ही यह तय करता है कि शिशु बड़ा होने पर किस तरह का व्यक्ति बनेगा। उसका दिमागी विकास कैसा होगा। ब्रेन के डेवलमेंट के लिए प्रेग्नेंट महिलाओं को अपने खाने में विटामन सी, विटामिन डी, विटामिन बी6, विटामिन बी12, पॉलिसैचुरेटेड फैटी एसिड्स शामिल करना चाहिए।

वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाइजेशन के अनुसार, हर साल 17 लाख बच्चे बर्थ डिफेक्ट्स के शिकार होते हैं। इन जन्म दोषों में क्लेफ्ट लिप या क्लेफ्ट पैलेट, क्रोमोजोमल अब्नॉर्मेलिटी, सेंसरी डेफिसिट्स शामिल है।
वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाइजेशन के अनुसार, हर साल 17 लाख बच्चे बर्थ डिफेक्ट्स के शिकार होते हैं। इन जन्म दोषों में क्लेफ्ट लिप या क्लेफ्ट पैलेट, क्रोमोजोमल अब्नॉर्मेलिटी, सेंसरी डेफिसिट्स शामिल है।

प्रेग्नेंसी में बेबी के लिए ब्रेन बूस्टर फूड
प्रेग्नेंट वुमन को अपने खाने में हरी पत्तेदार सब्जियों को शामिल करना चाहिए। इसके अलावा कुछ दालों को भी अपने फूड्स का हिस्सा बनाना चाहिए। ऐसा करने से बेबी के ब्रेन का टिश्यू डैमेज होने से बचेगा। सब्जियों में मौजूद फोलिक एसिड की वजह से बच्चों को न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट्स नहीं होते हैं। क्लेफ्ट लिप और कई तरह की दिल से जुड़ी बीमारियां नहीं होत है। यह बेबी के साथ-साथ मां के लिए भी उपयोगी है। प्रेग्नेंसी में प्रीक्लैप्सिया नही होता है। विश्व में बर्थ डिफेक्ट के कारण होनेवाले कुछ डेथ में से करीब 16% भारत में होता है।

प्रेग्नेंट होने के तुरंत बाद महिला को स्त्री रोग विशेषज्ञ से मिलना चाहिए। उनकी सलाह पर प्रेग्नेंसी के दौरान होने वाले टेस्ट जैसे सीरम टेस्ट्स, एनोमली स्कैन, फीटल इको, फीटल एमआरआई जरूर कराने चाहिए।
प्रेग्नेंट होने के तुरंत बाद महिला को स्त्री रोग विशेषज्ञ से मिलना चाहिए। उनकी सलाह पर प्रेग्नेंसी के दौरान होने वाले टेस्ट जैसे सीरम टेस्ट्स, एनोमली स्कैन, फीटल इको, फीटल एमआरआई जरूर कराने चाहिए।

ज्यादातर जन्मजात दोषों को रोकना संभव नहीं है। फिर भी कुछ दोषों को महिलाएं अपने आदतों में सुधार करके रोक सकती हैं। डॉ रितू सेठी बताती हैं कि प्रेग्नेंसी प्लान करने के पहले हर महिला को गाइनोकोलॉजिस्ट से मिलना चाहिए। महिलाओं को शराब या सिगरेट समेत दूसरे नशा से भी दूर रहना चाहिए। वे महिलाएं जो प्रेग्नेंसी प्लान करना चाहती हैं, वे अपनी डॉक्टर की सलाह से फोलिक एसिड लें। अपने खाने में फोलिक एसिड से भरपूर बादाम या अलसी को शामिल करें।