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डाउनलोड करेंएक मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सरकारी कर्मचारी की विधवा अगर पति की मौत के बाद बच्चा गोद लेती है तो वह फैमिली पेंशन का हकदार नहीं होगा। दरअसल, महाराष्ट्र के नागपुर के श्रीधर चिमुरकर साल 1993 में सरकारी नौकरी से रिटायर हुए थे। 1994 में उनकी मौत हो गई। 1996 में उनकी पत्नी माया मोतघरे ने राम श्रीधर चिमुरकर को बेटे के रूप में अपनाया था। कोर्ट ने यह भी कहा कि सरकारी कर्मचारी के जीवनकाल के दौरान कानूनी रूप से गोद लिए गए बच्चे फैमिली पेंशन के हकदार हैं।
आज जरूरत की खबर में जानेंगे कि फैमिली पेंशन को लेकर क्या नियम हैं, बच्चों को कब तक मिलती है फैमिली पेंशन, इसमें मृतक के माता-पिता का क्या हक होता है और अनुकम्पा की नौकरी लेने पर पेंशन कैसे और कितनी मिलती है।
आज के हमारे एक्सपर्ट हैं…
सवाल: फैमिली पेंशन पाने के क्या नियम हैं?
जवाब: नौकरी से रिटायरमेंट के बाद सेंट्रल गवर्नमेंट कई कर्मचारियों को पेंशन देती है। कर्मचारी की मौत के बाद उसके परिवार के उन लोगों को फैमिली पेंशन दी जाती है जो उस पर आश्रित हों। फैमिली पेंशन किस आधार पर दी जाती है इसके बारे में डिपार्टमेंट ऑफ पेंशन एंड पेंशनर्स वेलफेयर बताता है।
फैमिली पेंशन से जुड़े ये हैं कुछ नियम…
सवाल: बच्चों को कितने समय तक फैमिली पेंशन मिलती है?
जवाब: सरकारी कर्मचारी की मौत होने पर बच्चों को फैमिली पेंशन मिलने के ये हैं नियम…
दिव्यांग बच्चों के लिए यह है नियम…
बेटी के लिए यह है नियम…
सवाल: क्या किसी कंडीशन में फैमिली पेंशन मिलने का हक छीना भी जा सकता है?
जवाब: हां, बिल्कुल। फैमिली पेंशन मिलने का हक तब छीना जा सकता है जब पेंशन पाने वाला, सरकारी कर्मचारी की हत्या का दोषी या हत्या के लिए उकसाने का दोषी पाया जाता है। ऐसी स्थिति में उस सदस्य के बाद जो भी योग्य सदस्य होता है, उसे फैमिली पेंशन दी जाती है।
सवाल: मृतक की पत्नी अगर दूसरी शादी कर ले तो क्या उसे पेंशन मिलती रहेगी?
जवाब: मृतक के पति या पत्नी को फैमिली पेंशन आजीवन दी जाती है। मृतक की पत्नी की अगर कोई संतान नहीं है और उसके पास कमाई का कोई साधन नहीं है, तो दूसरी शादी करने पर भी उसे पेंशन दी जाती है।
सवाल: अगर मृतक की पत्नी नौकरी कर ले तो क्या वह पेंशन की हकदार होगी?
जवाब: मृतक की पत्नी अगर अनुकम्पा की नौकरी लेती है तो वह फैमिली पेंशन की हकदार नहीं होगी।
सवाल: गोद लिए हुए बच्चे को भी क्या पेंशन मिलेगी?
जवाब: गोद लिए हुए बच्चे के पास बायोलॉजिकल चाइल्ड जितने ही राइट्स होते हैं। इसलिए गोद लिया हुआ बच्चा भी फैमिली पेंशन का हकदार होगा। हालांकि सरकारी कर्मचारी की मृत्यु के बाद गोद लिए गए बच्चे को पेंशन नहीं मिलेगी।
सवाल: क्या गोद लिया हुआ बच्चा भी अनुकम्पा की नौकरी कर सकता है?
जवाब: हां, बिल्कुल। अगर गोद लिया हुआ बच्चा उस नौकरी के लिए योग्य है तो वह अनुकम्पा की नौकरी कर सकता है।
सवाल: क्या मृतक की लिव इन पार्टनर को पेंशन या अनुकम्पा की नौकरी का अधिकार है?
जवाब: लिव-इन पार्टनर को शादी जैसा दर्जा दिया गया है, मगर इसे शादी नहीं माना गया है। इसलिए लिव-इन पार्टनर को पेंशन या अनुकम्पा की नौकरी नहीं मिलेगी। मगर लिव-इन रिलेशनशिप में पैदा हुए बच्चों को पेंशन और अनुकम्पा की नौकरी का अधिकार है। इसके लिए उन्हें बाकी बच्चों से एनओसी लेना होगा।
सवाल: माता-पिता को फैमिली पेंशन मिलने को लेकर क्या नियम हैं?
जवाब: माता-पिता को फैमिली पेंशन मिलने को लेकर यह हैं नियम…
नीचे लिखे क्रिएटिव से समझें कितनी फैमिली पेंशन मिलती है…
सवाल: मृतक के माता-पिता और पत्नी अगर अलग रहते हैं तो क्या दोनों को अलग-अलग पेंशन मिलेगी?
जवाब: नहीं, ऐसा नहीं होगा। एक ही पेंशन मिलेगी।
सवाल: क्या अनुकम्पा की नौकरी लेने के लिए पत्नी को मृतक के माता-पिता की परमिशन की जरूरत होती है?
जवाब: अगर कोई सरकारी कर्मचारी विवाहित है और उसकी मृत्यु हो जाती है, तो अनुकम्पा की नौकरी लेने के लिए पत्नी को उसके माता-पिता से एनओसी की जरूरत होगी।
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