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डाउनलोड करेंपूर्व क्रिकेटर 66 साल के अरुण लाल ने 38 साल की बुलबुल साहा से शादी कर ली। शादी की तस्वीरें सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रही हैं। यह शादी अरुण की पहली पत्नी रीना की मर्जी से हुई है। इससे पहले अरुण ने पहली पत्नी रीना से आपसी सहमति से तलाक लिया था। रीना बीमार हैं, इसलिए अरुण उनके साथ ही रहते हैं।
आज की जरूरत की खबर में एडवोकेट चिकिशा मोहंती और आदित्य काला से जानते हैं कि आपसी सहमति से तलाक क्या होता है? इसकी कानूनी प्रक्रिया क्या है?
सहमति से तलाक लेने का मतलब क्या है?
शादी के बाद जब पति और पत्नी अपनी इच्छा से एक-दूसरे से अलग होने का फैसला करते हैं और तलाक की अर्जी देते हैं, तब ऐसी स्थिति को आपसी सहमति से तलाक कहा जाता है। हिंदू विवाह अधिनियम की धारा-13 (बी) में आपसी सहमति से तलाक प्रक्रिया का जिक्र है।
सहमति से तलाक कैसे ले सकते हैं, इसका तरीका क्या है?
इसकी प्रोसेस समझिए-
(दूसरी याचिका) के लिए कोर्ट आना पड़ता है
इन नियमों को भी ध्यान से पढ़ लीजिए-
सहमति से तलाक लेने का क्या फायदा है?
इससे समय और पैसा बचता है। इस बात की टेंशन नहीं होती कि दूसरा पार्टनर तलाक के पेपर्स में साइन करेगा या नहीं। प्रॉपर्टी या पैसे की ज्यादा डिमांड को लेकर तलाक में रुकावट नहीं आती।
तलाक के बाद बच्चों की कस्टडी और प्रॉपर्टी का फैसला कैसे होता है?
आपसी सहमति तलाक हुआ है तो दोनों पक्षों को बच्चे की कस्टडी का मुद्दा सुलझाना होता है। माता-पिता में से किसी एक या फिर दोनों को आपसी सहमति से बच्चे की कस्टडी मिल सकती है। यानी बच्चा कभी पिता तो कभी माता के साथ रह सकता है। ऐसी स्थिति में माता या पिता दोनों में से कोई भी एक-दूसरे पर बच्चे को लेकर क्लेम नहीं कर सकते हैं कि बच्चा एक के ही पास रहे।
प्रॉपर्टी का मामला भी दोनों को आपसी सहमति के साथ निपटाना पड़ता है। अगर पत्नी अपने पति पर आश्रित है तो पति को उसे गुजारा-भत्ता देना होगा। जरूरत पड़े तो पत्नी कानून का सहारा भी ले सकती है।
क्या तलाक के बिना पुनर्विवाह (दोबारा शादी) कर सकते हैं?
दोबारा शादी करने के लिए तलाक लेना जरूरी है। अगर आप तलाक की प्रक्रिया पूरी किए बिना शादी करते हैं तो IPC की धारा 494 के तहत इसे जुर्म माना जाएगा। जिसमें आपको 7 साल की सजा हो सकती है।
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