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डाउनलोड करेंकोरोना के शुरुआती दौर से ही हाथों को बार-बार धोने या सैनिटाइज करने पर जोर दिया जा रहा है। यहां तक कि बिना सैनिटाइज किए हाथ से मुंह को भी छूने के लिए मना किया जाता है। ज्यादातर इन्फेक्शन हमारे हाथों से होकर मुंह, आंख या नाक तक पहुंचता है और कई बीमारियों का कारण बनता है। पर उनका क्या जिन्हें अपने नाखून चबाने या उंगुली के पोरों को कुतरने की आदत हो? हम सबने बचपन से ही सुना है कि नेल बाइटिंग, यानी नाखून चबाना एक बुरी आदत है। बावजूद इसके कई लोगों में ये आदत देखी जाती है। वैसे तो ये आदत कम उम्र के बच्चों में देखी जाती है, लेकिन अगर सही समय पर इसका इलाज नहीं किया गया तो बड़े होने तक ये आदत बनी रहती है।
एक रिसर्च के अनुसार दुनियाभर में 30% लोगों को नाखून चबाने की है। इस आदत को समय रहते रोका नहीं गया तो ये हमारे रूटीन में ऐसे शामिल हो जाती है कि पता भी नहीं चलता कि कब हमने अपने नाखूनों को कुतरना शुरू कर दिया। इसलिए जरूरी है कि आप समय रहते इस पर ध्यान देकर इस बुरी आदत को छुड़वाने की दिशा में पहल करना।
आज की जरूरत की खबर में जानेंगे नाखून चबाने का कारण और इससे बचने के उपाय ….
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