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मूंगफली को पिस्‍ता बताकर 1500 में बेचा:छापा पड़ा तो पता चला कि ये नकली है, आखिर असली ड्राई फ्रूट्स की पहचान कैसे करें

9 महीने पहलेलेखक: अलिशा सिन्हा
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मिलावटखोरी की एक और घटना, जो आपकी सेहत पर डालेगी बुरा असर। राजस्थान का सबसे बड़ा ड्राई फ्रूट मार्केट जयपुर में है। अचानक यहां पर CID और मेडिकल डिपार्टमेंट की टीम ने रेड डाली, तो पता लगा कि 80 रुपए में नकली ड्राई फ्रूट बनाकर उसे 800 रुपए से 1500 रुपए किलो तक बेचा जा रहा है।

CID क्राइम ब्रांच के एक अफसर के मुताबिक, एक दुकानदार मूंगफली को हरे रंग में रंगकर करीब 12 साल से 1500 रुपए किलो बेच रहा था। पिस्ता में जो डाई मिलाई गई थी, वह कपड़ों को रंगने के काम में आती है।

इस दुकान पर थोक माल बिकता है। हर रोज लोग काजू, पिस्ता, बादाम, किशमिश, अंजीर और केसर खरीदकर यहां से ले जाते हैं। ऐसे में इस तरह की मिलावट हेल्थ के नजरिए से बहुत खतरनाक है।

अब आप यह सोच रहे होंगे कि हमारे घर जो ड्राई फ्रूट आता है वह भी तो नकली नहीं, हमें पता कैसे चलेगा कि हम असली ड्राई फ्रूट खा रहे या नकली। तो चलिए आज जरूरत की खबर में हम असली ड्राई फ्रूट्स पहचानने की बात करते हैं...

नीचे दिए ग्राफिक्स में समझिए ड्राई फ्रूट्स खरीदने से पहले क्या ध्यान रखें-

सवाल- नकली और खराब ड्राई फ्रूट्स की पहचान कैसे कर सकते हैं?
जवाब-
इसके लिए नीचे लिखे कुछ कॉमन टिप्स को फॉलो करें

  • नकली ड्राई फ्रूट्स का रंग नेचुरल कलर से ज्यादा डार्क दिखाई देता है।
  • अगर किशमिश, अंजीर और पिस्ता चबाने में बहुत हार्ड है, तो इसका मतलब है कि वो बहुत पुराने हैं या उन्हें हाई टेम्प्रेचर में रखा गया है।
  • खरीदने से पहले ड्राई फ्रूट्स को सूंघें, उसकी स्मेल से पता चल जाएगा कि वो अच्छे हैं या सड़े हुए।

सवाल- अगर पता चल जाए कि आपने जो ड्राई फ्रूट्स खरीदे हैं, वो नकली हैं, तो दुकानदार की कम्प्लेन​ कैसे कर सकते हैं?
जवाब-
अगर आपने FSSAI के Logo और लाइसेंस नंबर देखकर ड्राई फ्रूट खरीदा है और वो नकली निकल जाए। जैसे- वो सड़ा निकल जाए, उसमें से गंध आए, खाने पर कड़वा लगे या अंदर से खोखला हो। तब ऐसी सिचुएशन में आप डायरेक्ट उपभोक्ता फोरम में कम्प्लेन कर सकते हैं।

मिलावटी चीजों की शिकायत आप फूड सेफ्टी और स्टैंडर्ड ऑथोरिटी ऑफ इंडिया यानी FSSAI के कानून के तहत भी कर सकते हैं। हालांकि, इसके लिए आप सीधे मैजिस्ट्रेट के पास नहीं जा सकते है।

ड्राई फ्रूट के उदाहरण से ही इसे समझते हैं। अगर ड्राई फ्रूट नकली या मिलावटी है, तो उसका सैंपल लेकर आपको फूड सेफ्टी अथॉरिटी के पास जाना होगा। वहां एक लिखित शिकायत दर्ज करानी होगी कि जो प्रोडक्ट आप खरीद रहे हैं, वो नकली है या उसमें मिलावट है। अथॉरिटी लैब भेजकर उसकी जांच करवाएगी, जैसे ही रिपोर्ट आपके फेवर में आएगी, दुकानदार के खिलाफ वारंट जारी हो जाएगा।

सवाल- क्या हर शहर में फूड सेफ्टी ऑफिसर होते हैं?
जवाब-
हां, हर शहर में एक फूड सेफ्टी डेजिग्नेटेड ऑफिसर मौजूद होता है। उनका काम इंस्पेक्शन और जांच दोनों है। देश के अलग-अलग राज्यों के फूड सेफ्टी डेजिग्नेटेड ऑफिसर की जानकारी के लिए यहां क्लिक करें

सवाल- मौजूदा मामले में ड्राई फ्रूट्स पर कपड़े कलर करने वाले डाई का इस्तेमाल किया जा रहा था। अगर ऐसे ड्राई फ्रूट्स लोगों ने खाए हैं, तो उनमें कोई लक्षण दिखाई दे सकते हैं?
डॉ. मोहम्मद तलहा नूर-
इसे खाने से लोगों में किसी प्रकार के लक्षण तुरंत नहीं दिखाई देंगे, क्योंकि ये स्लो पॉइजन की तरह काम करते हैं। साथ ही ये अलग-अलग इंसान की उम्र, इम्यूनिटी और वो किस क्वांटिटी में इन ड्राई फ्रूट्स को खा रहे थे, इस पर डिपेंड करता है कि उन्हें कितना नुकसान पहुंचेगा और कितना नहीं।

सवाल- ऐसे कपड़े रंगने वाले डाई से बने ड्राई फ्रूट्स को खाने से कितने दिनों में नुकसान पहुंच सकता है?
डॉ. मोहम्मद तलहा नूर-
जो लोग ऐसे ड्राई फ्रूट्स रोज खा रहे होंगे, उनमें 1-2 साल के भीतर दिक्कतें आ सकती हैं। ऐसे लोगों को डॉक्टर की राय लेनी चाहिए।

चलते-चलते
किचन में मौजूद खाने की कई चीजें ऐसी होती हैं, जो मिलावटी होती हैं, आप चाहें तो इनकी पहचान घर पर भी कर सकते हैं-

दाल की पहचान

  • दाल को दरदरा पीसें, अब इसे गर्म पानी में डाल दें। पानी में अगर दाल का कलर आपको ब्राइट यलो नजर आने लगे तो समझ जाएं कि यह आर्टिफिशियल कलर है।
  • एक चम्मच दाल में 1 चम्मच पानी मिक्स करें और हाइड्रोक्लोरिक अम्ल की कुछ बूंदें ऊपर से डालें।
  • इसके बाद चेक करें, इसमें गुलाबी रंग आ रहा है, तो इसमें लेड क्रोमेट रंग की मिलावट होगी। गहरा लाल रंग आए, तो मेटानिल यलो रंग की मिलावट होगी।

चीनी की पहचान

  • 10 ग्राम चीनी को एक गिलास पानी में घोलें और जमने दें। जिस भी चीज की मिलावट होगी। वो नीचे जम जाएगा।
  • या फिर आधे कप गर्म पानी में चीनी डालकर देखें, अगर यह पूरी तरह ना घुले, तो समझ जाएं कि चीनी में मिलावट है।

साबूदाना की पहचान

  • साबूदाना को जलाकर देखें। असली साबूदाने को जलाने पर राख नहीं बचती है, जबकि मिक्स अधिक राख छोड़ता है।

गुड़ की पहचान

  • गुड़ को किसी बर्तन में पानी भरकर डाल दें। अगर नीचे इसके मिलावटी पदार्थ बैठ जाते हैं, तो मतलब है कि गुड़ मिलावटी है। अगर यह पानी में पूरी तरह घुल जाए तो गुड़ असली है।

दूध की पहचान

  • टिंचर आयोडीन की कुछ बूंदे लें और दूध में डाल दें। दूध का रंग बदल जाए, तो मिलावटी दूध है, क्योंकि असली दूध का कभी भी रंग नहीं बदलता।

खाने वाले रंग भी नुकसानदेह

US के क्लीवलैंड की डायटिशियन Julia Zumpano, RD के अनुसार, आजकल खाने की कई चीजों में फूड कलर का इस्तेमाल किया जाता है। जैसे- कुकीज, केक और भी बहुत सी चीजें। इससे भी आपको कई तरह की दिक्कतें या बीमारियां हो सकती हैं। जैसे…

  • हाइपर एक्टिविटी।
  • चिड़चिड़ापन।
  • डिप्रेशन।
  • अस्थमा।
  • कोई ट्यूमर हो, तो बढ़ सकता है।

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