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आपने नए साल की शुरुआत कैसे की? क्या आप उन लोगों में से हैं, जो नए साल की शुरुआत में ढेर सारे रेजोल्यूशन करते हैं, लेकिन साल के अंत तक एक भी पूरा नहीं करते? अगर ऐसा है तो हम आपके लिए इसका हल लेकर आए हैं।
आप अपने पिछले 365 दिनों को रिमाइंड करें और सोचें कि जब भी आप 2020 की बात करेंगे, तो आपके पास बताने के लिए कौन सी बातें होंगी? शायद ये कि कोरोना में आपका अनुभव कैसा रहा या किसी अपने को खो दिया। आपको ऐसी कहानी भी याद करनी चाहिए, जो आपका नाकामयाबी को भी बताए।
जैसे- आप बीते साल कुछ खास करना चाहते थे, लेकिन नहीं कर पाए या आप कुछ छोड़ना चाहते थे, वह भी आपसे नहीं हुआ। ऐसा करने से पिछले साल से कुछ सीखेंगे, जैसे- आपने क्या गलतियां कीं या आप कितने लापरवाह रहे। ये वो सीख होंगी जो आपको इस साल की बेहतर प्लानिंग में मदद करेंगी।
रिफ्लेक्शन VS रेजोल्यूशन
सारा गेम हमारे विल-पावर का है
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, यह सारा गेम हमारे विल-पावर का है। हम जो करना चाहते हुए भी नहीं कर पाते, उसके पीछे बस दो वजह होती है। पहली या तो हमने प्रयास नहीं किया या प्रयास किया लेकिन 100% नहीं दिया। ऐसे मामलों में हमारी साइकोलॉजी अक्सर यही होती है कि इसे बाद में कर लेंगे, कुछ दिन रुक जाते हैं, इसे करना बहुत मुश्किल है और यह हमसे नहीं हो पाएगा।
इस साइकोलॉजी की वजह हमारी कमजोर विल-पावर होती है। इसलिए जो कुछ भी आप रिजोल्यूशन ले रहे हैं, वह रिफ्लेक्शन में तभी बदलेगा, जब हम मजबूत विल-पावर के साथ आगे बढ़ेंगे।
यह आपको खुश रखने में अहम होता है
प्रोफेसर केली कहती हैं कि रेजोल्यूशन को रिफ्लेक्शन में बदलना बहुत जरूरी होता है। यदि ऐसा कर लेते हैं, तो आप ज्यादा खुश रहेंगे। दरअसल, हम जब भी ऐसे रेजोल्यूशन लेते हैं, तो इनमें उन्हीं चीजों को शामिल करते हैं जो हमारे करियर, जॉब, लाइफस्टाइल और हेल्थ के लिए जरूरी हैं। जब हम ऐसा कर लेते हैं तो हमें बेहद खुशी मिलती है।
खुद को चैलेंज करना मददगार साबित होगा
केली कहती हैं कि हम टास्क और चैलेंज के भूखे लोग हैं। ऑफिस से जुड़ा मुश्किल काम भी आसानी से कर लेते हैं, लेकिन जब बात खुद की होती है तो छोटा काम भी हमारे लिए बहुत मुश्किल हो जाता है। इसलिए अच्छा तरीका है कि कई हम खुद को चैलेंज करें और रेजोल्यूशन को टास्क के तौर पर लें। ऐसा करने से हम खुद के रेजोल्यूशन को रिफ्लेक्शन में बदलने के लिए मजबूर रहेंगे। यह कितना भी मुश्किल लगेगा, लेकिन हम इसे कर ले जाएंगे।
रिमाइंडर सेट करना जरूरी
हम कई बार रेजोल्यूशन को लेकर लापरवाह हो जाते हैं या भूल जाते हैं कि कुछ प्रॉमिस किया है। इसलिए सेल्फ रिमाइंडर जरूरी है। केली रिमाइंडर सेट करने के 3 तरीके बताती हैं। पहला “समवन”, दूसरा “समथिंग” और तीसरा “योरसेल्फ।”
खुद के प्रति आभार का भाव रखें और उसे लिखें
केली कहती हैं कि खुद के रेजोल्यूशन को रिफ्लेक्शन में बदलना या इस दिशा में आगे बढ़ना कोई छोटी बात बिलकुल नहीं है। यह एक तरह की एचीवमेंट है। जब भी आप ऐसा करना शुरू करें और जितना भी करें उसे लेकर खुद के प्रति एक आभार पत्र लिखें। ऐसा करने से अच्छा महसूस होगा। लगेगा कि आपने कुछ अच्छा किया है। यह आपको और अच्छा करने के लिए प्रेरित करेगा।
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