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जरूरत की खबर:15 साल से छोटे बच्चे के लिए कोरोना वैक्सीन नहीं, क्या फ्लू का टीका होगा मददगार; जानिए क्या कहते हैं एक्सपर्ट?

एक वर्ष पहलेलेखक: सुनीता सिंह
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दुनिया के कई देशों की तरह अब भारत में भी बच्चों को कोरोना वैक्सीन लगाई जा रही है। इससे स्कूल-कॉलेज जाने वाले स्टूडेंट्स की सुरक्षा बढ़ने के साथ पेरेंट्स की भी चिंता कम होगी। लेकिन फिलहाल केवल 15 साल से ज्यादा उम्र के बच्चों को वैक्सीन लगाई जा रही है। ऐसे में सवाल उठता है कि 15 साल से कम उम्र के बच्चों को कोरोना से कैसे बचाया जाए। दक्षिण अफ्रीका में ओमिक्रॉन वैरिएंट के शुरुआती दौर से ही वहां बड़ी संख्या में 5 साल से कम उम्र के बच्चे हॉस्पिटल में भर्ती हो रहे हैं।

ऐसी स्थिति में दुनियाभर के एक्सपर्ट्स बच्चों के वैक्सीनेशन पर जोर दे रहे हैं। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) की माने तो अनवैक्सीनेटेड बच्चों में इन्फेक्शन का उतना ही खतरा होता है, जितना दूसरे लोगों को।

अमेरिका के सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल (CDC) की एक रिपोर्ट के अनुसार फ्लू (सर्दी-खांसी) के शॉट्स भी कोरोना के गंभीरता को कुछ हद तक कम कर सकते हैं। इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स ने भी अंडर-5 बच्चों को इंफ्लूएंजा वैक्सीन लगाने की सिफारिश की थी। इस स्थिति में जिन बच्चों के लिए अभी वैक्सीन नहीं है, CDC के अनुसार उन्हें फ्लू का वैक्सीन उनमें कोरोना के खतरे को कम करने में मददगार है। हालांकि, इसका मतलब ये बिलकुल भी नहीं कि इंफ्लूएंजा की वैक्सीन कोविड वैक्सीन का विकल्प है।

दुनिया के करीब 40 देश बच्चों को कोरोना वैक्सीन दे रहे हैं। अब तक हल्के लक्षणों को छोड़कर कहीं भी बच्चों में इसके साइड इफेक्ट नहीं देखे गए हैं। चूंकि भारत में सिर्फ 15 से ज्यादा उम्र वालों को ही वैक्सीन दी जा रही ऐसे में फ्लू शॉट्स कम उम्र के बच्चों के लिए कारगर हो सकती है।

आज की जरूरत की खबर में जानते हैं कि बच्चों के वैक्सीन पर एक्सपर्ट्स और रिसर्च क्या कहती हैं। इन बच्चों को फ्लू शॉट्स देना कितना फायदेमंद…