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अमेरिका ने H-1B वीजा की सिलेक्शन प्रोसेस में बदलाव किया है। यूएस सिटिजनशिप एंड इमिग्रेशन सर्विसेज (USCIS) ने H-1B वीजा सिलेक्शन में सैलरी और स्किल को प्राथमिकता दी है। इससे अमेरिकी नागरिकों के हितों की रक्षा की जा सके। पहले इस वीजा का सिलेक्शन लॉटरी प्रक्रिया से होता था।
नियमों में बदलाव के बाद अस्थायी रोजगार कार्यक्रम से हाई स्किल वाले विदेशी प्रोफेशनल्स को ज्यादा लाभ होगा। H-1B वीजा की सिलेक्शन प्रोसेस को नए नियमों के साथ फेडरल रजिस्टर में पब्लिश कर दिया है। ये 60 दिनो में लागू हो जाएंगे।
USCIS के डिप्टी डायरेक्टर फॉर पॉलिसी, जोसेफ एडलो ने कहा, H-1B अस्थायी वीजा कार्यक्रम का नियोक्ता दुरुपयोग कर रहे हैं। वे मुख्य रूप से प्राथमिक स्तर के पदों को भरने और अपनी कारोबारी लागत को घटाने में इसका इस्तेमाल कर रहे हैं।'
क्या है एच-1बी वीजा?
H-1B नॉन-इमीग्रेंट वीजा होता हैं, जिसके तहत अमेरिकी कंपनियों को विशेष तकनीकी दक्षता वाले पदों पर विदेशी पेशेवरों को नियुक्त करने की अनुमति होती है। इस वीजा के जरिए टेक्नोलॉजी सेक्टर की कंपनियां हर साल भारत और चीन जैसे देशों से हजारों कर्मचारियों की नियुक्ति करती हैं।
अमेरिकी कांग्रेस नियमों के अनुसार, एक साल में 65,000 H-1B वीजा जारी किए जाते हैं। वहीं, 20,000 अतिरिक्त वीजा STEM सब्जेक्ट्स से किसी अमेरिकी यूनिवर्सिटी से हायर स्टडी पूरी कर चुके विदेशी छात्रों के लिए जारी किया जाता है।
H-1B वीजा के नए नियम की खास बातें
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