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डाउनलोड करेंएपल सप्लायर विस्ट्रॉन ने भारत में आईफोन का प्रोडक्शन बंद कर दिया है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, एपल की शर्तों के आधार पर विस्ट्रॉन को यहां बिजनेस करने पर प्रॉफिट नहीं हो रहा था। भारत में एपल के बिजनेस के जरिए पैसा नहीं कमा पाने के बाद कंपनी ने अपने कारोबार को समेटने का फैसला किया है।
खास बात यह है कि विस्ट्रॉन ऐसे समय में भारत से अपने बिजनेस को समेट रही है, जब फॉक्सकॉन और पेगाट्रॉन भारत में एपल के ही प्रोडक्ट बनाने के लिए तेजी से अपने कारोबार को बढ़ा रही हैं। विस्ट्रॉन अपने प्लांट को टाटा ग्रुप को बेच रही है।
2008 में विस्ट्रॉन ने भारत में शुरू किया था बिजनेस
विस्ट्रॉन ने साल 2008 में इंडियन मार्केट में अपना बिजनेस शुरू किया था। तब कंपनी ने पीसी, लैपटॉप और सर्वर सहित अन्य प्रोडक्ट को रिपेयर करने की यूनिट शुरू किए थे। इसके बाद साल 2017 में कंपनी ने अपने बिजनेस को एक्सपेंड किया और एपल के लिए आईफोन बनाना शुरू किया था।
टाटा ग्रुप को असेंबली यूनिट बेच रही विस्ट्रॉन
विस्ट्रॉन बेंगलुरु के पास कोलार में स्थित अपने आईफोन असेंबली प्लांट को टाटा ग्रुप को बेच रही है। ट्रेंड फोर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, टाटा ग्रुप भारत में आईफोन-15 मॉडल को असेंबल करने के लिए टेस्टिंग कर रहा है। जल्द टाटा ग्रुप प्लांट को टेकओवर करेगी, जिसके बाद भारत को एपल प्रोडक्ट्स के लिए अपनी पहली डोमेस्टिक यानी स्वदेशी प्रोडक्शन कंपनी मिल जाएगी।
इंडिया पर अब ज्यादा फोकस कर रहा एपल
एपल अब इंडिया में अपने बिजनेस को एक्सपेंड करने पर ज्यादा फोकस कर रही है। हाल ही में एपल ने मुंबई और दिल्ली में देश का पहला और दूसरा स्टोर खोला है।
इसके साथ ही अमेरिका-चीन के बीच तनाव बढ़ने के कारण चीन से एपल की मैन्युफैक्चरिंग भारत में शिफ्ट की जा रही है। जियो पॉलिटिकल टेंशन और कोरोना महामारी के बाद एपल समेत अन्य अमेरिकी टेक दिग्गज भी चीन के बाहर अपनी मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी के विस्तार पर काम कर रहे हैं।
भारत में 2017 से बन रहे आईफोन
एपल ने 2017 में आईफोन SE के साथ भारत में आईफोन्स की मैन्युफैक्चरिंग शुरू की थी। इसके तीन इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग सर्विस (EMS) पार्टनर- फॉक्सकॉन, विस्ट्रॉन और पेगाट्रॉन है। हालांकि, अब आईफोन असेंबली बिजनेस में टाटा ग्रुप के एंट्री के साथ विस्ट्रॉन देश से बाहर जाते हुए दिखाई दे रहा है।
भारत सरकार की PLI स्कीम का हिस्सा एपल अभी एपल के तीनों कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरर भारत सरकार की 41,000 करोड़ रुपए की प्रोडक्शन-लिंक्ड इन्सेंटिव स्कीम (PLI) का हिस्सा हैं। इस स्कीम के बाद ही भारत में आईफोन मैन्युफैक्चरिंग में तेजी आई है। 2020 में भारत सरकार ने PLI Scheme को लॉन्च किया था। इस स्कीम से बाहर के देशों की कंपनीज को मौका मिलता है कि वो लोकल मैन्युफैक्चरिंग का फायदा उठा सकें, साथ ही उस पर इन्सेंटिव भी कमा सकें।
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