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सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर ने 70,000 अकाउंट को सस्पेंड किया है। इनमें ज्यादातर अकाउंट अमेरिकी यूजर्स के हैं। ये सभी यूजर्स खुद को ट्रम्प समर्थक बताते थे। इनके अकाउंट पर QAnon (प्रो-ट्रम्प क्यूएनॉन कॉन्सपिरेसी) से संबंधित कंटेंट शेयर किया जा रहा था। ये सभी कंटेट के जरिए कैपिटल हिल पर हुए हमले को सही बता रहे थे।
ट्विटर ने अपने ब्लॉग पर लिखा कि वॉशिंगटन डीसी में हिंसक घटनाओं को देखते हुए हमने स्थाई तौर पर हजारों अकाउंट को सस्पेंड करना शुरू कर दिया है। ये अकाउंट QAnon कंटेंट को शेयर कर रहे थे। सभी अकाउंट दुर्भावनापूर्ण और समाज को बांटने वाली सामग्री शेयर कर रहे थे। हम इस तरह की अफवाहों और कंटेंट को फैलने नहीं दे सकते।
ट्रम्प को दुनिया सुधारने के लिए भेजा
क्यूएनॉन ग्रुप के मुताबिक, ट्रम्प को चुनाव हारने के लिए सभी बुरी ताकतें एक हो गई हैं और ट्रम्प को ईश्वर ने दुनिया को सुधारने के लिए भेजा है। एक नई रिपोर्ट में सामने आया है कि ट्रम्प समर्थक कैपिटल हिल में हिंसा के लिए बंदूकों के अलावा एक ट्रक में 11 देसी बम और कुछ अन्य हथियार भी भरकर लाए थे। हालांकि, नेशनल गार्ड ने लोगों को बम लेकर कैपिटल बिल्डिंग में नहीं घुसने दिया।
पहले ट्रम्प का अकाउंट बद किया गया
ट्रम्प ने शुक्रवार (8 जनवरी) को दो ट्वीट किए थे। एक में उन्होंने हिंसा करने वाले अपने समर्थकों को क्रांतिकारी बताया, तो दूसरे में उन्होंने कहा कि वो 20 जनवरी को होने वाले प्रेसिडेंशियल इनॉगरेशन (बाइडेन के शपथ ग्रहण) में नहीं जाएंगे। इन दो ट्वीट के कुछ ही मिनट बाद ट्रम्प के अकाउंट के ट्वीट दिखने बंद हो गए और अकाउंट सस्पेंड का मैसेज शो होने लगा। ट्रम्प के इस ट्विटर अकाउंट पर 8.8 करोड़ से ज्यादा फॉलोअर थे।
ट्विटर ने अपने ब्लॉग पोस्ट में कहा कि हमने कहा था कि ट्रम्प अगर आगे भी ट्विटर की पॉलिसी को नजरअंदाज कर भड़काऊ ट्वीट करते हैं तो उनके खिलाफ सख्त कदम उठाएंगे। उसके बाद भी उन्होंने शुक्रवार को फिर से भड़काऊ ट्वीट किए। हमने पहले भी कहा है कि किसी भी बड़े से बड़े नेता का अकाउंट हमारे नियमों से ऊपर नहीं है। हालांकि, इस वजह से ट्विटर के शेयर में 6.4% की गिरावट देखने को मिली।
7 जनवरी को हुई थी हिंसा
अमेरिका में 7 जनवरी को मौजूदा राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के समर्थकों ने संसद में घुसकर अपने चहेते राष्ट्रपति की हार को नकारना चाहा। यह सब रोकने में सिक्योरिटी को खासी मशक्कत करनी पड़ी। संसद जब प्रेसिडेंट इलेक्ट जो बाइडेन की जीत की पुष्टि करने वाली थी, तब यूएस कैपिटल में कई हथियारबंद ट्रम्प समर्थक घुस गए। जमकर तोड़फोड़ की। जवाबी कार्रवाई में कई लोगों की मौत भी हो गई।
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