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डाउनलोड करेंसोसाइटी ऑफ मैन्युफैक्चरर्स ऑफ इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (एसएमईवी) को उम्मीद है कि सरकार ईवी इंडस्ट्री को प्रोत्साहन देना जारी रखेगी। इसके साथ ही उम्मीद है कि सरकार इस बजट में घरेलू स्तर पर आर एंड डी को बढ़ावा देने, सप्लाई संबंधी दिक्कतों को दूर करने और मजबूत ईवी इकोसिस्टम को बढ़ावा देकर भारत को ग्लोबल हब बनाने के लिए नई योजनाएं और उपाय भी लाएगी।
एसएमईवी डीजी सोहिंदर सिंह गिल ने बताया कि उम्मीद है कि सरकार बजट में फेम सब्सिडी बढ़ाने की घोषणा करेगी और इसका लाभ सीधे ग्राहक को ट्रांसफर करने के प्रावधान लागू होंगे। एक तरफ जहां इलेक्ट्रिक वाहनों पर जीएसटी की दर 5% है। वहीं स्पष्टता नहीं होने की वजह से स्पेयर पार्ट्स पर 28% तक जीएसटी चुकाना पड़ता है। हमें उम्मीद है कि सरकार सभी ईवी स्पेयर पार्ट पर यूनिफॉर्म 5% जीएसटी की दर लागू करेगी। ईवी उत्पादन में उपयोग किए जाने वाले लिथियम आयन सेल पर कस्टम ड्यूटी घटाकर 0% करने से ईवी की लागत घटाने में मदद मिलेगी।
सब्सिडी सीधे कस्टमर के खाते में ट्रांसफर हो
फेम 2 की वैधता मार्च 2024 में समाप्त हो रही है। हमें उम्मीद है कि सरकार ईवी इंडस्ट्री को सहारा देने में मददगार इस स्कीम को आगे बढ़ाने की घोषणा भी इस बजट में करेगी। यह भी उम्मीद है कि फेम 2 स्कीम में ऐसे प्रावधान लाए जाएंगे। इससे सब्सिडी सीधे कस्टमर के खाते में ट्रांसफर हो।
ईवी ट्रक और ट्रैक्टर निर्माण को बढ़ावा मिलेगा
भारत की ईंधन खपत में ट्रकों की हिस्सेदारी लगभग 40 प्रतिशत है। अगर सकरार फेम का दायरा कमर्शियल वाहनों यानी ट्रकों और ट्रैक्टर्स तक भी बढ़ाती है तो इससे ईवी ट्रक और ट्रैक्टर निर्माण को बढ़ावा मिलेगा और ईंधन की खपत के साथ उत्सर्जन में भी कमी आएगी।
बैटरी रिसाइकलिंग नीति बनाने की जरूरत
देश में बीते 5 वर्षों में इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या तेजी से बढ़ी है, ऐसे में लिथियम आयन बैटरियों की रिसाइकलिंग के लिए नीति बनाया जाना बहुत आवश्यक है। सरकार द्वारा इलेक्ट्रिक कंपोनेंट खरीदने और रिसाइकल करने की एजेंसी नियुक्त की जानी चाहिए। बैटरी रिसाइकलिंग संबंधी रिसर्च और डेवलपमेंट के लिए 200% की टैक्स छूट दी जानी चाहिए।
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