पाएं अपने शहर की ताज़ा ख़बरें और फ्री ई-पेपर
डाउनलोड करेंआने वाले समय में दुनिया की कार इंडस्ट्री पर किसका दबदबा होगा, इसे लेकर बड़ी ऑटो कंपनियों के बीच कॉम्पिटिशन तेज हो गया है। अमेरिका की टेस्ला से नंबर एक इलेक्ट्रिक कार (EV) कंपनी का ताज छीनने के लिए टोयोटा, फॉक्सवैगन और मर्सडीज-बेंज जैसी कंपनियां इलेक्ट्रिक कारों के विकास पर अरबों डॉलर खर्च कर रहीं हैं। दुनिया की दो बड़ी कार कंपनियां फॉक्सवैगन और टोयोटा मोटर कॉर्प को यह बात समझ में आ गई है कि बैटरी से चलने वाली कारों का जमाना आ चुका है। बाजार में टॉप पर रहना है तो उन्हें इलेक्ट्रिक कारों पर फोकस करना होगा।
फॉक्सवैगन इलेक्ट्रिक कारें बनाने 7.43 लाख करोड़ रुपए खर्च करेगी
बीते महीने इन कंपनियों ने 12.64 लाख करोड़ रुपए निवेश करने की योजना बनाई, ताकि वे एक ऐसी इंडस्ट्री पर दावा बनाए रख सकें जिस पर दशकों से उनका दबदबा रहा है। फॉक्सवैगन ने 9 दिसंबर को ऐलान किया कि वह इलेक्ट्रिक कारें बनाने पर 10 हजार करोड़ डॉलर (7.43 लाख करोड़ रुपए) खर्च करेगी। वहीं, टोयोटा ने 14 दिसंबर को घोषणा की थी कि वह भी इलेक्ट्रिक कारों पर 7,000 करोड़ डॉलर (5,20,450 करोड़ रुपए) निवेश करेगी।
टोयोटा का सालाना 35 लाख इलेक्ट्रिक कारें बेचने का लक्ष्य
वर्ष 2021 के शुरुआती 10 महीनों में फॉक्सवैगन ने 3.22 लाख इलेक्ट्रिक कारें बेची हैं। यह इसके सालाना 6 लाख ऐसी कारें बेचने के लक्ष्य के आधे से अधिक है। वहीं, टोयोटा दशक के अंत तक सालाना 35 लाख इलेक्ट्रिक कारें बेचने का लक्ष्य लेकर चल रही है। यह महज सात माह पहले पहले तय लक्ष्य से लगभग दोगुना है। इधर, एक साल की असाधारण ग्रोथ के बाद टेस्ला सबसे मूल्यवान ऑटोमेकर कंपनी बन चुकी है। ऐसे में लाख टके का सवाल है कि क्या टेस्ला अगली जनरेशन की कार मैन्युफैक्चरिंग में अपनी बादशाहत बरकरार रख पाएगी?
मर्सडीज की नई इलेक्ट्रिक कार एक चार्ज में 998 किमी चलेगी
मर्सेडीज बेंज ने कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स शो (CES 2022) में इलेक्ट्रिक कार विजन EQXX पेश की। यह फुल चार्ज होने पर 998 किलोमीटर चल सकती है। यह औसत श्रेणी की इलेक्ट्रिक कारों की रेंज से तीन गुना और टेस्ला के मॉडल S की रेंज से 322 किलोमीटर ज्यादा है।
Copyright © 2022-23 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.