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सोशल मीडिया पर ट्रांसपैरेंसी लाने के लिए एडवरटाइजिंग स्टैंडर्ड्स काउंसिल ऑफ इंडिया (एएससीआई) ने डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर 'इन्फ्लुएंसर एडवरटाईजिंग' के लिए गाइडलाइन्स जारी की हैं। एएससीआई ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि इन्फ्लुएंसर एडवरटाईजिंग इन दिनों तेजी से बढ़ रही है। इन्फ्लुएंसर पोस्ट का प्रचार बढ़ रहा है और ऐसे में कई बार इन्हें पहचानना मुश्किल होता जाता है। नई गाइडलाइनस के अनुसार, अब सभी इन्फ्लुएंसर्स को यह बताना होगा कि एक क्रिएटिव पोस्ट, वीडियो या टेक्स्ट कंटेंट विज्ञापन है या नहीं। इसके अलावा, यदि प्रोडक्ट प्लेसमेंट हैं, तो उसे भी क्लियर किए जाने की जरूरत है।
यह नियम यूट्यूब, ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम, स्नैपचैट समेत सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के लिए लागू है। सभी तरह के पेड कंटेंट, ऑनलाइन विज्ञापनों को स्पष्ट रूप से हाइलाइट किया जाना चाहिए ताकि लोगों को यह साफ तौर पर समझ में आ सके कि यह एक स्पॉन्सर्ड कंटेंट है। एएससीआई ने यह भी कहा कि इन्फ्लुएंसर्स को 'फास्टेस्ट स्पीड', 'बेस्ट इन क्लास', दोगुना बेहतर जैसे शब्दों या दावों से बचना चाहिए। या फिर इस तरह के ऐड के साथ ब्रांड के मालिक का क्लेरिफिकेशन होना चाहिए जिसमें किए दावों की पुष्टि की गई हो।
31 मार्च तक जारी होगी फाइनल गाइडलाइन
डिजिटल मीडिया पर इन्फ्लुएंसर एडवरटाईजिंग के लिए गाइडलाइन जारी करने से पहले सभी स्टेकहोल्डर्स और डिजिटल इन्फ्लुएंसर से 8 मार्च, 2021 तक फीडबैक लिए जाएंगे। इसके बाद फीडबैक और इनपुट के आधार पर एएससीआई द्वारा 31 मार्च, 2021 तक फाइनल गाइडलाइन जारी की जाएगी। गाइडलाइन्स को अंतिम रूप देने के बाद 15 अप्रैल 2021 या उसके बाद पब्लिश की जाने वाली सभी प्रमोशनल पोस्ट पर लागू होगा।
वीडियो के लिए, नए दिशानिर्देश यह स्पष्ट करते हैं कि डिस्क्लोजर लेबल को वीडियो पर इस तरह से लगाया जाना चाहिए कि ये आसानी से लोगों को दिखाई दे। 15 सेकंड या उससे कम समय वाले वीडियो के लिए, डिस्क्लोजर लेबल को मिनिमम 2 सेकंड तक रहना चाहिए। डिस्क्लोजर लेबल वीडियो की लंबाई एक-तिहाई तक रहती है। लाइव स्ट्रीम के लिए, डिस्क्लोजर लेबल को समय-समय पर रखा जाना चाहिए।
एएससीआई ने अलग-अलग प्लेटफार्मों के लिए इन्फ्लुएंसर्स के लिए गाइनलाइन जारी की हैं..
भारतीय इन्फ्लुएंसर मार्केट का साइज सालाना 543-1,087 करोड़ रु. के बीच है
डिजिटल मार्केटिंग एजेंसी एडलिफ्ट का अनुमान है कि भारतीय इन्फ्लुएंसर मार्केट का साइज सालाना 543-1,087 करोड़ रुपए के बीच है। चूंकि देश में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इस्तेमाल करने वाले लोगों की तादाद तेजी से बढ़ रही है, लिहाजा यह बाजार भी उसी रफ्तार से बढ़ रहा है।
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