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डाउनलोड करेंस्मार्टफोन कंपनियों के प्री इंस्टॉल ऐप को हटाने के ऑप्शन देने से जुड़ी रिपोर्ट का इलेक्ट्रॉनिक्स और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने खंडन किया है। उन्होंने कहा 'यह स्टोरी पूरी तरह से गलत है।' मंगलवार को न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने कहा था कि मोबाइल बनाने वाली कंपनियों को प्री-इन्स्टॉल ऐप को अन-इन्स्टॉल करने का ऑप्शन देना होगा। इसके साथ ही ऑपरेटिंग सिस्टम में बड़े अपडेट की स्क्रीनिंग की जाएगी।
चंद्रशेखर ने कहा, 'स्टोरी समझ की कमी पर आधारित है। यह शायद एक रचनात्मक कल्पना है जो BIS स्टैंडर्ड IS17737 (पार्ट -3) 2021 की मोबाइल सिक्योरिटी गाइडलाइन्स पर मिनिस्ट्री और इंडस्ट्री के बीच चल रही कंसलटेशन प्रोसेस पर आधारित है। सरकार ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के लिए 100% कमिटेड है और इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग को 300 बिलियन डॉलर तक पहुंचाने पर फोकस कर रही है।
सैमसंग, शाओमी जैसी कंपनियां प्रभावित होंगी
रॉयटर्स की रिपोर्ट में कहा गया था कि सरकार के इस फैसले से सैमसंग, शाओमी, वीवो और ऐपल जैसी कंपनियां प्रभावित होंगी। इन कंपनियों के स्मार्टफोन्स में प्री इंस्टॉल ऐप होते हैं, जिन्हें यूजर अपने फोन से अनइंस्टॉल नहीं कर पाते। इससे पहले कॉम्पिटिशन कमीशन ऑफ इंडिया (CCI) ने गूगल पर जुर्माना लगाया था। इसके बाद गूगल ने अपने एंड्रॉयड ऑपरेटिंग सिस्टम और गूगल प्ले-स्टोर बिलिंग में कई बदलाव की घोषणा की थी।
डेटा की जासूसी से सरकार चिंतित
रॉयटर्स के मुताबिक IT मिनिस्ट्री यूजर डेटा की जासूसी और उसके गलत इस्तेमाल को लेकर चिंतित है। एक सीनियर ऑफिसर ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि फिलहाल सरकार नियमों को लेकर विचार कर रही है। प्री इंस्टॉल ऐप कमजोर सिक्योरिटी पाइंट हो सकते हैं। हम नहीं चाहते कि चीन सहित कोई भी विदेशी ताकत इसका फायदा उठाए। यह नेशनल सिक्योरिटी का मसला है।
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