पाएं अपने शहर की ताज़ा ख़बरें और फ्री ई-पेपर
डाउनलोड करेंश्रीनगर के सनत नगर के रहने वाले बिलाल अहमद ने सौर ऊर्जा से चलने वाली कार बनाई है। बिलाल को अपनी सपनों की कार बनाने में 11 साल लग गए। बिलाल ने कहा, 'जब मैंने प्रोजेक्ट शुरू किया और इसे पूरा करने के बाद भी किसी ने मुझे कोई वित्तीय सहायता नहीं दी। अगर मुझे सहयोग मिलता तो शायद मैं भारत का एलन मस्क होता।' बिलाल को इस गाड़ी को तैयार करने में 15 लाख रुपए की लागत आई है।
बैक टू द फ्यूचर की कार डेलोरियन से इंस्पायर
बिलाल अहमद पेशे से तो मैथ्स टीचर है लेकिन हमेशा से ही कार के शौकीन रहे हैं। उन्हें कारों के बारे में स्टडी करना और मैन्युफैक्चर्स इन मशीनों को कैसे तैयार करते हैं इस बारे में पढ़ना काफी पसंद है। एक कार जिसने उन्हें सबसे ज्यादा प्रेरित किया वो है फिल्म बैक टू द फ्यूचर में दिखाई डेलोरियन। इसे देखकर उन्होंने अपनी सपनों की गाड़ी तैयार की है। इसे मारुति 800 को मॉडिफाई कर बनाया गया है।
कम लाइट में ज्यादा एनर्जी जेनरेट करने वाले पैनल
पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों को ध्यान में रखते हुए बिलाल ने सौर ऊर्जा से चलने वाली कार बनाने का फैसला किया था। इसके लिए उन्होंने चेन्नई में एक मैन्युफैक्चरर से सोलर पैनल मंगवाए और ऐसे पैनल चुने जो कम रोशनी में भी ज्यादा पावर जेनरेट कर सकें। उन्होंने कहा कश्मीर में सूरज की रोशनी काफी कम रहती है, इसलिए मोनोक्रिस्टलाइन सौर पैनलों का इस्तेमाल किया जो मैक्सिमम एनर्जी प्रड्यूज करने के लिए जाने जाते हैं।
कार के दरवाजे में लगे हैं सोलर पैनल
इस कार के फ्रंट और बैक के साथ दरवाजों में भी सोलर पैनल लगे हैं। ये दरवाजे ऊपर की तरफ खुलते है जो इसे स्टाइलिश बनाते हैं। इस गाड़ी को बनाने की प्रेरणा के बारे में बात करते हुए अहमद ने कहा, 'मर्सिडीज, फेरारी, बीएमडब्ल्यू जैसी कारें आम लोगों के लिए सिर्फ एक सपना है। कुछ ही लोग इसे वहन कर पाते हैं जबकि दूसरों के लिए ऐसी कारों को चलाना और उनमें घूमना एक सपना बना रहता है। मैं ऐसे लोगों को भी लग्जरियस फील देना चाहता हूं।'
अहमद को उनके इस इनोवेशन के लिए सोशल मीडिया पर खूब तारीफ मिल रही है। ज्यादातर स्पोर्ट्स कार्स में केवल 2 लोगों के बैठने की क्षमता होती है, लेकिन अहमद ने अपनी गाड़ी को चार लोगों के बैठने के हिसाब से तैयार किया है।
Copyright © 2023-24 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.