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डाउनलोड करेंनैसकॉम की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत की टेक्नोलॉजी सर्विस इंडस्ट्री का रेवेन्यू 2025 तक 2 से 4% की ग्रोथ के साथ 300-350 बिलियन डॉलर (करीब 25.70 लाख करोड़ रुपए) तक पहुंच सकता है। 'फ्यूचर ऑफ टेक्नोलॉजी सर्विस विनिंग इन दिस डेकेड' टाइटल वाली रिपोर्ट में कहा है कि इसके लिए प्राइवेट सेक्टर, एजुकेशन और सरकार के बीच घनिष्ठ सहयोग की आवश्यकता होगी।
नैसकॉम ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि टेक्नोलॉजी सर्विस सेक्टर में अब भारत में लगभग 27% का निर्यात कर रहा है और लगभग 44 लाख लोगों को अजीविका देता है।
ओवरऑल इकोनॉमी में 8% का योगदान
बैंकिंग और फाइनेंस, हेलथकेयर, प्रशासन आदि जैसे 50 से अधिक डिजिटल सेक्टर्स में अब टेक्नोलॉजी सर्विस इंडस्ट्री प्रमुख चालक है। ये देश की ओवरऑल इकोनॉमी में 8% का योगदान देता है। कोविड की वजह से लगभग हर सेक्टर में डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन जर्नी की रफ्तार को बढ़ाया है।
बढ़ते क्लाउड कंजप्शन और अन्य डिजिटल सर्विस जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और मशीन लर्निंग (ML) डिजिटल और क्लाउड सर्विस के लिए रास्ता बना रहे हैं। रिपोर्ट के अनुसार, साइबर स्पेस और थिंक्स ऑफ इंटरनेट (IoT) डिजिटल खर्च के रेवेन्यू के साथ 2025 तक 300-350 बिलियन डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है।
आने वाले दशक में इकोनॉमी में योगदान बढ़ेगा
नैसकॉम के प्रेसिडेंट, देबजानी घोष ने एक बयान में कहा कि इंडियन टेक्नोलॉजी सर्विस सेक्टर प्रभावी परिवर्तनकारी के माध्यम से क्लाउड, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, IoT आदि जैसी टेक्नोलॉजी की संभावनाओं का उपयोग कर सकता है। जिससे आने वाले दशक में ओवरऑल इकोनॉमी में योगदान होगा।
सरकार को ग्राहकों की बढ़ती जरूरतों को पूरा करने के लिए डिजिटल साक्षरता और कौशल को प्रोत्साहित करने और इसका समर्थन करने की आवश्यकता है।
टेक्नोलॉजी में इनवेस्टमेंट तेजी से बढ़ेगा
नैसकॉम ने रिपोर्ट में कहा कि अगले दशक में टेक्नोलॉजी में इनवेस्ट करने के मामलों में तेजी आएगी। मुख्य रूप से टेक्नोलॉजी नेटिव्स और डिजिटल रीइनवेंटर्स, नए टेक-इनेबल बिजनेस मॉडल्स जैस ईकोसिस्टम, डायरेक्ट टू स्टैकहोल्डर्स चैनल्स और डिजिटल 2.0 की मांग में तेजी से वृद्धि होगा।
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