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2021 में ईवी:फाडा प्रेसिडेंट बोले- सेल बढ़ाने सब्सिडी जरूरी, इसके मिथ दूर करना चुनौती; एक्सपर्ट बोले- जरूरी इंफ्रास्ट्रकचर तैयार

नई दिल्ली2 वर्ष पहले
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दुनियाभर की लगभग सभी ऑटो मोबाइल कंपनियों का फोकस अब इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) की तरफ तेजी से बढ़ रहा है। भारत में भी ई-व्हीकल को लेकर नए स्टार्टअप शुरू हो रहे हैं। महिंद्रा इलेक्ट्रिक व्हीकल की बड़ी रेंज लॉन्च करने की तैयारी में है। वहीं, मारुति भी इलेक्ट्रिक वैगनआर लेकर आने वाली है। हुंडई, एमजी, टाटा जैसी कंपनियां तो इलेक्ट्रिक कार लॉन्च भी कर चुकी हैं।

इसी सप्ताह गोवा बेस्ड स्टार्टअप कबीरा मोबिलिटी ने अपनी दो हाई स्पीड इलेक्ट्रिक बाइक लॉन्च की हैं। कंपनी का दावा है कि ये देश की सबसे तेज इलेक्ट्रिक बाइक्स हैं। वहीं, अथर, ओकिनावा, होंडा के ई-स्कूटर पहले से भारतीय बाजार में मिल रहे हैं। कुल मिलाकर देश अब तेजी से ई-व्हीकल की तरफ बढ़ रहा है। हालांकि, देश में इसका इंफ्रास्ट्रक्चर अभी तैयार नहीं हुआ है।

10 सालों में 49% की ग्रोथ होगी
कई देसी और विदेशी कंपनियां धड़ल्ले से इलेक्ट्रिक व्हीकल लॉन्च कर रही हैं। कैनालिस की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले साल दुनियाभर में ई-व्हीकल की सेल्स में 39% की सालाना ग्रोथ रही। अगले 10 साल यानी 2030 तक ईवी की ग्रोथ 50% तक बढ़ जाएगी। 2030 तक दुनियाभर में 35 मिलियन (3.5 करोड़) से ज्यादा ई-व्हीकल की बिक्री होने लगेगी।

देश में इलेक्ट्रिक व्हीकल इंडस्ट्री और इसके इंफ्रास्ट्रक्चर को समझने के लिए हमने फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (FADA) के प्रेसिडेंट विंकेश गुलाटी से बातचीत की। उन्होंने इस इंडस्ट्री से जुड़े अलग-अलग हिस्सों की सभी बारीकियों के बारे में बताया।

  • इलेक्ट्रिक व्हीकल पर सब्सिडी जरूरी: उन्होंने कहा कि देश में अभी 5 से 7 स्टेट ही ईवी पर सब्सिडी दे रही हैं। हम देश के सभी राज्यों के ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर से ईवी पर सब्सिडी देने को लेकर बात कर रहे हैं। यूपी ने हाल ही में सब्सिडी का अनाउंस किया है, लेकिन वो यूपी में बनने वाली गाड़ियों पर ही सब्सिडी देगी। जब तक सभी राज्य ईवी को लेकर ऐसी पॉलिसी नहीं लाएंगे, लोग इसे खरीदने से बचेंगे।
  • ईवी से जुड़े मिथ दूर करना: हम लगातार ईवी के पोर्टफोलियो को बढ़ाने पर काम कर रहे हैं। हम ग्राहकों को ये समझाना चाहते हैं कि ईवी खरीदन में फायदा क्या है। अभी देश में ईवी सेलिंग का प्रतिशत काफी कम है। ऐसे में इसकी नॉलेज शेयरिंग का पार्ट काफी इम्पोर्टेंट हो जाता है। ग्राहकों के मिथ को दूर करना सबसे बड़ी चुनौती है। हम डीलर्स को इस बात के लिए प्रेरित कर रहे हैं कि वे ईवी की डीलरशिप भी लें।
  • कंपनी और ग्राहकों को बेनीफिट्स मिलें: ईवी की अलग से डीलरशिप नहीं होती। यदि कोई कंपनी सिर्फ ईवी बेच रही है तब उसकी डीलरशिप नई होगी। जैसे हीरो की ईवी बनाने वाली कंपनी का नाम हीरो इलेक्ट्रिक है। वहीं, ओकिनावा, अथर जैसी कंपनियां सिर्फ इलेक्ट्रिक व्हीकल ही बना रही हैं। ऐसे में जब तक सरकार की तरफ से कंपनी और ग्राहकों को बेनिफिट्स नहीं मिलेंगे, तब तक इलेक्ट्रिक व्हीकल खरीदना महंगा रहेगा।
  • इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए ईवी की बिक्री जरूरी: अभी ईवी को लेकर देश की ज्यादातर राज्यों में कोई पॉलिसी नहीं बनी है। ऐसे में इससे जुड़ा इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलप करने में भी प्रॉब्लम आ रही है। जैसे ईवी चार्जिंग की सुविधा पार्किंग, फ्यूल स्टेशन में नहीं मिल रही है। इसे लेकर कई स्टार्टअप शुरू हो रहे हैं, लेकिन जब तक ईवी की बिक्री तेजी से नहीं होगी, इंफ्रास्ट्रक्चर किसी काम का नहीं रहेगा। हालांकि, बेंगलुरु और हैदराबाद के कई अपार्टमेंट में जहां ज्यादा ईवी मौजूद है वहां पर कई डीलर्स ने चार्जिंग स्टेशन लगाए हैं।

सरकार ई-हाईवे तैयार कर रही
केंद्र सरकार इलेक्ट्रिक व्हीकल की सफलता के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। हालांकि, ई-व्हीकल के साथ सबसे बड़ी चुनौती एक शहर से दूसरे शहर जाना है। यानी कोई एक दिन में 500 से 600 किलोमीटर का सफर तय करता है तब उससे लिए जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर फिलहाल नहीं है। ऐसे में सरकार प्राइवेट फर्म के साथ मिलकर ई-हाईवे बनाने की तैयारी कर रही है। जयपुर-दिल्ली-आगरा पहला ई-हाईवे होगा, जहां इलेक्ट्रिक गाड़ियों के लिए विशेष कॉरिडोर तैयार किए जाएंगे।

हालांकि, इलेक्ट्रिक व्हीकल को लेकर सब कुछ इतना आसान नहीं है जितना लगता है। आस्क कार गुरु के नाम से पॉपुलर यूट्यूबर और ऑटो एक्सपर्ट अमित खरे ने ईवी से जुड़े सभी चैलेंज के बारे में बताया।

  • कोविड ने ईवी इंडस्ट्री को पीछे धकेला: उन्होंने बताया कि 2021 में कोई नई ईवी नहीं आने वाली हैं। 2019 में हम ईवी सेक्टर में जिस रफ्तार से आगे बढ़ थे, कोविड ने उसे पीछे धकेल दिया है। इसकी वजह रॉ मटेरियल नहीं मिलना और बैटरी के प्लांट का नहीं लग पाना है। हम बैटरी को लेकर अभी भी चीन के भरोसे हैं। अब सरकार ने भी वहां से आने वाले मटेरियल पर ड्यूटी बढ़ा दी है।
  • देसी कंपनी बैटरी प्लांट कर रहीं तैयार: टाटा ने अल्ट्रोज ईवी को होल्ड कर दिया गया है। अभी टाटा अपने बैटरी वाले प्लांट पर फोकस कर रही है। जब उसका प्लांट तैयार हो जाएगा उसके बाद ही वो नई ईवी की तरफ जाएगी। कुल मिलकर 2021 में नए ईवी के आने की संभावना न के बराबर है। 2022 में इसकी शुरुआत होगी और 2023 में आ पाएंगी। यदि कोई नई ईवी इस साल आती है तब उसे बाहर से मटेरियल मंगाकर असेंबल किया जाएगा।
  • ताइवान की तरफ जा रही कंपनियां: चीन पर हमारी डिपेंडेंसी को खत्म करने के लिए सरकार ने सख्त कदम उठाए हैं। अब चीन से बैटरी ना के बराबर आ रही हैं। इस वजह से कई कंपनियों ने अपनी ईवी को होल्ड किया है। अथर और ओकिनावा जैसी कंपनियां ताइवान से बैटरी मंगाकर ईवी को तैयार कर रही हैं। बैटरी की डिमांड पूरी नहीं होने से हीरो इलेक्ट्रिक को तो बड़े नुकसान में चल रही है। इसका असर टाटा नेक्सन ईवी, हुंडई कोना ईवी, एमजी हेक्टर ईवी पर भी हुआ है।
  • जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार है: जहां तक ईवी के इंफ्रास्ट्रक्चर की बात है तब इसे चलाने वाले लोग उसे घर से फुल चार्ज करके निकलते हैं। यदि आप ऐसा नहीं कर रहे हैं तब ये सबसे बड़ी नादानी है। क्योंकि ईवी चार्ज है तब उसे बाहर चार्ज करने की जरूरत नहीं होती। कोई आदमी शहर में एक दिन में अधिकतम 100 किमी के आसपास ट्रैवल करता है। ईवी की इतनी रेंज होती है। ईवी के लिए सिर्फ हाईवे पर चार्जिंग की सुविधा देना बाकी है।
  • शहरों की ईवी स्टेशन भी खाली: ईवी को लेकर शहरों में जो चार्जिंग स्टेशन लगाए गए हैं वे भी इन दिनों खाली रहते हैं। इसे इस तरह समझ सकते हैं कि दिल्ली के कनॉट प्लेस पर 3 चार्जिंग स्टेशन हैं, लेकिन सप्ताह में मुश्किल से 7-10 गाड़ियां ही वहां चार्ज होती हैं। यदि आप किसी ईवी से शहर से बाहर जा रहे हैं तब चार्जिंग स्टेशन की जरूरत होगी। इसके लिए फास्ट चार्जिंग स्टेशन का होना जरूरी है।