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सरकार टेलीकॉम से जुड़े धोखाधड़ी मामलों की जांच के लिए लॉ एजेंसियों, वित्तीय संस्थानों और टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर के साथ काम करने के लिए डिजिटल इंटेलिजेंस यूनिट (DIU) नाम की एक नोडल एजेंसी स्थापित करने की योजना बना रही है। इसका उद्देश्य भारत में डिजिटल धोखाधड़ी से निपटने में मदद करना है।
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने सोमवार को एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें परेशान करने वाले मैसेज और कॉल, बार-बार तंग करने वाले एसएमएस और फ्रॉड लोन के बढ़ते मामलों पर चर्चा हुई।
डिजिटल इंटेलिजेंस यूनिट के अलावा, टेलीकॉम मंत्रालय ने एक कहा कि स्पेसिफिक टेलीकॉम एनालिटिक्स फोर फ्रॉड मैनेजमेंट और कंज्यूमर प्रोटेक्शन (TAFCOP) सिस्टम के लिए एक लाइसेंस सर्विस एरिया (LSA) लेवल पर बनाया जाएगा ताकि देश में डिजिटल धोखाधड़ी के मामलों का पता लगाया जा सके। यह सिस्टम, डिजिटल इकोसिस्टम में लोगों के विश्वास को मजबूत करेगा और मुख्य रूप से मोबाइल के माध्यम से सुरक्षित और विश्वसनीय वित्तीय डिजिटल लेनदेन करेगा।
ग्राहकों के उत्पीड़न में शामिल लोगों पर कड़ी कार्रवाई हो
नियमों का उल्लंघन किया तो कंपनी पर लगेगा जुर्माना
किसी भी उल्लंघन के मामले में, DND सेवा नियमों को रद्द करने वाले के खिलाफ वित्तीय जुर्माना लगाने का प्रस्ताव किया भी दिया। मंत्रालय ने दोहराए गए उल्लंघनों के मामले में संसाधनों को भी अलग करने की योजना बनाई। दूरसंचार संसाधनों के दुरुपयोग के माध्यम से बढ़ती वित्तीय धोखाधड़ी को रोकने के लिए सरकार एक वेब/मोबाइल ऐप और एसएमएस-बेस्ड सिस्टम बनाने की योजना भी बना रही है। इस सिस्टम से संबंधित व्यक्ति अपनी शिकायतों दर्ज कर सकेंगे।
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