नए वित्त वर्ष में यदि आप टैक्स प्लानिंग के तहत बीमा पॉलिसी खरीदने जा रहे हैं तो यह विकल्प जरूर जान लें। भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (आईआरडीएआई) ने दुर्घटना बीमा और बेनिफिट बेस्ड हेल्थ बीमा के लिए गाइडलाइंस जारी की है। इसके तहत क्लेम सेटलमेंट में निश्चित वक्त तक किस्तों में भुगतान का प्रावधान होगा। इससे आप सेटलमेंट के तहत क्लेम राशि में टैक्स छूट का फायदा ले पाएंगे।
money bhaskar
Apr 05,2019 12:59:00 PM ISTनई दिल्ली. नए वित्त वर्ष में यदि आप टैक्स प्लानिंग के तहत बीमा पॉलिसी खरीदने जा रहे हैं तो यह विकल्प जरूर जान लें। भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (आईआरडीएआई) ने दुर्घटना बीमा और बेनिफिट बेस्ड हेल्थ बीमा के लिए गाइडलाइंस जारी की है। इसके तहत क्लेम सेटलमेंट में निश्चित वक्त तक किस्तों में भुगतान का प्रावधान होगा। इससे आप सेटलमेंट के तहत क्लेम राशि में टैक्स छूट का फायदा ले पाएंगे।
क्लेम की राशि का हो सकता है सही निवेश
जीवन की अनिश्चितता को ध्यान में रखकर आदमी बीमा करवाता है। दुर्घटना या किसी बीमारी के बाद मृत्यु होने पर बीमा कंपनी से मिलने वाला भुगतान एकमुश्त होता है। यह राशि पीड़ित परिवार के लिए एक बड़े सहारे का काम करती है। अकसर यह देखा गया है कि एकमुश्त मिलने वाली राशि का पीड़ित परिवार सही तरीके से इस्तेमाल या निवेश नहीं कर पाता है, जिसके चलते यह राशि कुछ ही दिनों में खत्म हो जाती है और प्रभावित परिवार को फिर से आर्थिक संकट का सामना करना पड़ता है।
यह भी पढ़ें - BSNL के लिए भी मोदी सरकार को भाया गुजरात मॉडल, PMO का दखल
यह होगा फायदा
IRDAI ने गाइडलाइंस दुर्घटना बीमा और बेनिफिट बेस्ड हेल्थ बीमा के लिए जारी की हैं। इसके तहत क्लेम सेटलमेंट में निश्चित वक्त तक किस्तों में भुगतान के प्रावधान का विकल्प होगा। बड़ी क्लेम राशि (10 लाख से अधिक) के लिए ही ये विकल्प होंगे। पॉलिसी होल्डर के लिए क्लेम की राशि आय का स्रोत की तरह होगी. पॉलिसी होल्डर पॉलिसी लेने से क्लेम तक विकल्प चुन सकता है। इन विकल्प में क्लेम की राशि का एकमुश्त, किश्तों में, या कुछ राशि एकमुश्त या कुछ राशि किश्तों में भुगतान करने का विकल्प होगा। क्रेटिकल इलनेस जैसी गंभीर बीमारियों में पॉलिसी होल्डर को राहत मिलेगी। क्लेम की मासिक किस्त पर टैक्स भी नहीं लगता है। अधिकतम 5 साल की किस्तों में क्लेम का भुगतान करना होगा। एकमुश्त या किस्तों के विकल्प पर प्रीमियम में बदलाव नहीं होगा। किस्तों में दिया गया क्लेम एकमुश्त से हमेशा ज्यादा होगा। हालांकि क्लेम की राशी को ब्याज दरों से लिंक नहीं किया जाएगा।
यह भी पढ़ें - इस प्रत्याशी के पास है 2G घोटाले जितनी 1.76 लाख करोड़ रुपए की रकम, चार लाख करोड़ रुपए कर्ज भी