- लक्ष्मी विलास बैंक को पीसीए फ्रेमवर्क में डाले जाने से भी इंडियाबुल्स में गिरावट को मिला बल
Moneybhaskar.com
Sep 30,2019 03:31:00 PM ISTनई दिल्ली. एक अदालत द्वारा कंपनी में धोखाधड़ी के आरोप की जांच को लेकर नोटिस जारी किए जाने के बाद इंडियाबुल्स हाउसिंग फाइनेंस के शेयरों में सोमवार को अब तक की सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई। वहीं लक्ष्मी विलास बैंक पर प्रॉम्प्ट करेक्टिव एक्शन (पीसीए) के तहत आरबीआई की ओर से प्रतिबंध लगाए जाने के कारण इंडियाबुल्स हाउसिंग फाइनेंस में गिरावट को और बल मिला। लक्ष्मी विलास बैंक और इंडियाबुल्स हाउसिंग फाइनेंस विलय की योजना पर काम कर रहे हैं।
इंट्राडे कारोबार में 38.5 फीसदी नीचे लुढ़का इंडियाबुल्स हाउसिंग फाइनेंस
इंट्राडे कारोबार में बीएसई पर इंडियाबुल्स हाउसिंग फाइनेंस के शेयरों ने 38.5 फीसदी गिरावट के साथ 240.10 रुपए का निचला स्तर छू लिया। यह कंपनी के शेयरों की अब तक की सबसे बड़ी एकदिनी गिरावट है। इस स्तर पर आखिरी बार कंपनी के शेयर चार जुलाई 2014 को थे, जब ये 242.95 रुपए पर बंद हुए थे। दोपहर करीब दो बजे कंपनी के शेयर 33.48 फीसदी गिरावट के साथ 259.05 रुपए पर कारोबार कर रहे थे। शुक्रवार को कंपनी के शेयर 389.45 रुपए पर बंद हुए थे।
लक्ष्मी विलास बैंक पर पाबंदी से विलय को लेकर उपजा संशय
इंडियाबुल्स हाउसिंग फाइनेंस और लक्ष्मी विलास बैंक विलय की योजना पर काम कर रहे हैं। लक्ष्मी विलास बैंक पर आरबीआई ने शुक्रवार के प्रभाव से पीसीए के तहत प्रतिबंध लगा दिया है। इससे विलय के लिए जोखिम की स्थिति आ गई है। लक्ष्मी विलास बैंक के शेयर बीएसई पर 4.92 फीसदी गिरावट के साथ 34.75 रुपए के निचले सर्किट पर लॉक हो गए। यह बैंक के शेयरों के लिए गत 52 सप्ताह का निचला स्तर भी है। निचले सर्किट पर लॉक होने का मतलब यह है कि फिलहाल इस शेयर में कारोबार रोक दिया गया है, क्योंकि इसने अधिकतम गिरावट की निर्धारित सीमा को छू लिया है।
इंडियाबुल्स समूह के अन्य शेयरों में भी गिरावट
इंडियाबुल्स समूह के अन्य शेयरों में भी गिरावट का माहौल देखा गया। बीएसई पर इंडियाबुल्स रियल एस्टेट 9.91 फीसदी गिरावट के साथ 45.90 के निचले सर्किट पर लॉक था। इंडियाबुल्स वेंचर लिमिटेड भी करीब 20 फीसदी गिरकर 123.75 के निचले सर्किट पर लॉक था।
कंपनी के विरुद्ध लगे हैं गंभीर आरोप
दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को मोर्टगेज पर कर्ज देने वाली कंपनी के खिलाफ जांच की मांग पर इंडियाबुल्स हाउसिंग फाइनेंस, सेबी, आरबीआई और जनहित याचिका के अन्य उत्तरदाताओं को नोटिस जारी किए थे। एक याचिका में कंपनी के विरुद्ध गंभीर आरोप लगाए गए हैं और जांच कराने की मांग की गई है। न्यायालय ने नोटिस का जवाब देने के लिए दो सप्ताह का समय दिया है।