- बैंक से लोन लेकर भी कर सकते हैं कारोबार, सब्सिडी का भी मिलेगा लाभ

Manoj Kumar
Jul 16,2019 02:30:57 PM ISTनई दिल्ली। यदि आपके पास अपनी जमीन है और आप कम निवेश में कारोबार करना चाहते हैं तो यह खबर आपके लिए ही है। आज हम आपको एक ऐसे कारोबार के बारे में बताने जा रहे हैं जिसे आप करीब 100 गज खाली जमीन से शुरू कर सकते हैं। इस कारोबार को शुरू करने के लिए आपको कम से कम 2 लाख रुपए का निवेश करना होगा। इस निवेश के जरिए भी आप हर महीने 1 लाख रुपए तक की कमाई कर सकते हैं। बिल्डवैल इंडस्ट्रीज नोएडा के प्रॉपराइटर शरद शर्मा ने मनी भास्कर को इस कारोबार की पूरी जानकारी दी। आइए जानते हैं इस कारोबार को शुरू करने के बारे में...
कम निवेश में बेहतर आय देता है फ्लाई ऐश ईंट का कारोबार
बिल्डवैल इंडस्ट्रीज के प्रॉपराइटर शरद शर्मा का कहना है कि आज बढ़ते शहरीकरण के कारण ईंटों की उपलब्धता काफी कम हो गई है। इस समस्या से निपटने के लिए अधिकांश बिल्डर फ्लाई ऐश ईंटों का इस्तेमाल कर रहे हैं। इन फ्लाई ऐश ईंटों का निर्माण बिजली संयंत्रों से निकलने वाली राख, सीमेंट और बदरपुर (स्टोन डस्ट) के मिश्रण से तैयार किया जाता है। शरद के अनुसार कोई भी व्यक्ति 2 से 2.5 लाख रुपए के निवेश से फ्लाई ऐश ईंट उत्पादन का कारोबार कर सकते हैं। इस निवेश से आप मैन्युअली मशीन लगा सकते हैं। इस मशीन को 30 फुट गुना 30 फुटा यानी करीब 100 गज की जमीन में लगाया जा सकता है। इस मशीन के जरिए ईंट उत्पादन के लिए आपको 5 से 6 लोगों की जरूरत होगी। यह मशीन रोजाना करीब 3000 ईंटों को उत्पादन करती है। यानी आप महीने में करीब 90 हजार ईंटों का उत्पादन कर सकते हैं। इस निवेश में कच्चे माल की लागत शामिल नहीं है।
ऐसे होगी कमाई (मैन्युअल मशीन से संभावित उत्पादन)
- एक दिन में 3,000 ईंटों का उत्पादन
- एक महीने में 90 हजार ईंटों का उत्पादन
- 1 हजार ईंटों की कीमत करीब 5,000 रुपए
- 90 हजार ईंटों की कीमत 4,50,000 रुपए
- 1 ईंट की लागत (सभी खर्चों सहित) करीब 3.50 रुपए
- 90 हजार ईंटों की लागत (सभी खर्चों सहित) 3,15,000
- खर्चों को काटकर कुल बचत 1,35,000 रुपए
नोट: श्रमिकों की मजदूरी और कच्चे माल की कीमत के आधार पर लागत घट-बढ़ सकती है।
ऑटोमेटिक मशीन से कर सकते हैं ज्यादा कमाई
शरद शर्मा का कहना है कि मांग बढ़ने पर आप ऑटोमेटिक मशीन से भी फ्लाई ऐश ईंटों का निर्माण कर सकते हैं। इस मशीन की कीमत 10 से 12 लाख रुपए होती है। इसमें कच्चे माल के मिश्रण से लेकर ईंट बनाने तक की सभी मशीनें शामिल हैं। ऑटोमैटिक मशीन से 1 घंटे में 1000 ईंटों का निर्माण किया जा सकता है। यानी इस मशीन से आप महीने में 3 से 4 लाख ईंटों का निर्माण कर सकते हैं। शर्मा के अनुसार, जितनी ज्यादा बिक्री होगी, उतनी ही आपकी कमाई बढ़ सकती है। शरद का कहना है कि यह कारोबार 20 से 25 दिनों में शुरू हो जाता है।
बैंक से लोन लेकर शुरू कर सकते हैं कारोबार
आप इस कारोबार को बैंक से लोन लेकर भी शुरू कर सकते हैं। प्रधानमंत्री स्वरोजगार योजना, मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत भी इस कारोबार के लिए लोन लिया जा सकता है। इन योजना के तहत केंद्र सरकार और राज्य सरकारों की ओर से मिल रही सब्सिडी का लाभ भी आपको मिलेगा। इसके अलावा आप मुद्रा योजना के तहत लोन लेकर भी कारोबार शुरू कर सकते हैं। मुद्रा योजना के तहत बैंक बिना किसी गारंटी कम ब्याज दरों पर विभिन्न श्रेणियों में 50 लाख रुपए तक का लोन देते हैं। शरद का कहना है कि वह लोन के लिए जरूरी कागजात भी उपलब्ध कराते हैं।
पहाड़ी क्षेत्र के लिए फायदेमंद है यह कारोबार
शरद शर्मा ने बताया कि उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों में मिट्टी की कमी के कारण ईंटों का उत्पादन नहीं होता है। इस कारण इन क्षेत्रों में उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब जैसे मैदानी राज्यों से ईंटों की आपूर्ति होती है। परिवहन लागत बढ़ने के कारण इन ईंटों की कीमत बढ़ जाती है। ऐसे में आप पहाड़ी क्षेत्रों में इस मशीन की मदद से बदरपुर और सीमेंट से ईंट बनाने का कारोबार कर सकते हैं। पहाड़ी क्षेत्र में बदरपुर की बेहतर उपलब्धता के कारण इसकी लागत में भी कमी आ जाती है। इससे आपकी बचत भी ज्यादा होती है।