- अगस्त से शुरू होने वाली इस योजना का आधा भार आएगा राज्यों के खजाने पर।
- अलग-अलग राज्यों के लिए अलग अनुपात में होगा खर्च का बंटवारा।
Moneybhaskar.com
Jul 21,2019 03:02:30 PM ISTनई दिल्ली. देश के हर घर में 'नल से जल' पहुंचाने की प्रधानमंत्री मोदी की महत्वाकांक्षी परियोजना 'जल जीवन मिशन’ का आधा खर्च राज्याें को उठाना होगा। अगस्त से शुरू होने वाले इस अभियान के लिए अगले पांच साल में अपने खजाने से 1,80,000 करोड़ रुपए खर्च करने होंगे। जल शक्ति मंत्रालय के मुताबिक केंद्र प्रायाेजित योजना 'जल जीवन मिशन’ को अगस्त 2019 से 2024 तक चलाने का प्रस्ताव है।
अलग-अलग राज्यों के लिए अलग अनुपात में होगा खर्च का बंटवारा
एक हिंदी अखबार के मुताबिक इस योजना पर जो भी खर्च आएगा उसे केंद्र और राज्य 50:50 के अनुपात में उठाएंगे। हालांकि पूर्वोत्तर के आठ राज्यों और हिमालयी राज्यों (उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश) के इस इस खर्च का अनुपात केंद्र और राज्यों के बीच 90:10 फीसदी रहेगा। केंद्र शासित प्रदेशों में आने वाले पूरे खर्च को केंद्र सरकार वहन करेगी। मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, जल जीवन मिशन पर कुल 3,60,000 करोड़ रुपए खर्च करने का अनुमान है, जिसमें से 1,80,000 करोड़ रुपए राज्यों को खर्च करने होंगे। सूत्रों के मुताबिक अगले पांच साल में मनरेगा से लगभग एक लाख करोड़ रुपए की राशि का इस्तेमाल 'नल से जल’ कार्यक्रम के लिए किया जाएगा।
2024 तक हर घर तक जल पहुंचाने का लक्ष्य
मोदी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल में पेयजल आपूर्ति मंत्रालय और स्वच्छता विभाग मंत्रालय को मिलाकर जल शक्ति मंत्रालय का गठन किया है। इसके साथ ही एक जुलाई से जल शक्ति मिशन की भी शुरुआत की है। यह मिशन पानी की किल्लत से जूझ रहे देश के 256 जिलों में चलाया जा रहा है। सरकार का लक्ष्य है कि 2024 तक हर घर को 'नल से जल’ मुहैया कराया जा सके।