Pakistan faces economic crisis after Indian action: भारत की ओर से की गई घेराबंदी के कारण अब पाकिस्तान आर्थिक रूप से बर्बादी की कगार पर आ गया है। यह बात खुद पाकिस्तान सरकार और पाकिस्तानी मीडिया कर रही है।
Money Bhaskar
Mar 03,2019 12:36:00 PM ISTनई दिल्ली। पाकिस्तान समर्थित जैश ए मोहम्मद ने 14 फरवरी को जम्मू कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर आतंकी हमला किया था। इस हमले में 44 जवान शहीद हो गए थे। इस आतंकी हमले के बाद से भारत ने पाकिस्तान को चौतरफा घेरना शुरू कर दिया है। भारत की ओर से की गई इस घेराबंदी के कारण अब पाकिस्तान आर्थिक रूप से बर्बादी की कगार पर आ गया है। यह बात खुद पाकिस्तान सरकार और पाकिस्तानी मीडिया कर रही है। आइए आपको बताते हैं कि भारत की घेराबंदी के कारण पाकिस्तान इस समय आर्थिक रूप से किस कदर परेशान है।
MFN दर्ज समाप्त होने से व्यापार ठप
पुलवामा हमले के बाद भारत ने सबसे पहली कार्रवाई के रूप में पाकिस्तान का मोस्ट फेवर्ड नेशन (MFN) का दर्जा समाप्त किया था। इसके बाद भारत ने पाकिस्तान से आयात होने वाले सामान पर 200 फीसदी आयात शुल्क लगा दिया था। इससे पाकिस्तान से भारत आने वाले सामान पर पूरी तरह से रोक लग गई है। दोगुना टैक्स होने के कारण पाकिस्तान के व्यापारी भारत में अपना सामान नहीं बेच पा रहे हैं। इससे व्यापारियों को रोजाना करीब 100 करोड़ रुपए का नुकसान उठाना पड़ रहा है। आपको बता दें कि पाकिस्तान हर साल करीब 3500 करोड़ रुपए का सामान बेचता है।
चार साल में सबसे ज्यादा महंगाई
पुलवामा हमले के बाद भारत की ओर से की गई घेराबंदी का दूसरा असर यह है कि पाकिस्तान में इस समय महंगाई दर बढ़कर 8.2 फीसदी हो गई है। यह चार साल बाद सबसे ज्यादा है। पाकिस्तान के अखबार डॉन के अनुसार, MFN का दर्जा खत्म होने के बाद पाकिस्तान मं जरूरी चीजों की किल्लत बढ़ गई है। इससे उनकी कीमतें आसमान छू रही हैं। इस कारण महंगाई दर बढ़कर 8.2 फीसदी हो गई है। पाकिस्तान के सांख्यिकी ब्यूरो की ओर 40 शहरों और 76 बाजारों से एकत्र 487 वस्तुओं की खुदरा कीमतों के आधार पर महंगाई दर घोषित की गई है।