- केंद्रीय मत्स्य विभाग देश में बेची जा रही मछलियों की ट्रैसेबिलिटी के बारे में जानकारी सुनिश्चित करेगा।
Moneybhaskar.com
Jun 22,2019 04:11:09 PM ISTनई दिल्ली। मत्स्य क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए सरकार आईटी आधारित सॉल्यूशन पर काम कर रही है। अब तक, हमने ऑर्गेनिक फूड की ट्रेसबिलिटी के बारे में सुना है। लेकिन जल्द ही, मछली खाने वालों के पास इस बात की सुविधा होगी कि वह यह जान सके कि उनकी प्लेट में रखी मछली किस समुद्र की है। केंद्रीय मत्स्य विभाग देश में बेची जा रही मछलियों की ट्रैसेबिलिटी के बारे में जानकारी सुनिश्चित करेगा।
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मछली की उत्पत्ति से लेकर उसके गंतव्य तक पूरी यात्रा को ट्रैक किया जाएगा
केंद्रीय मत्स्य विभाग देश में बेची जा रही मछलियों की ट्रैसेबिलिटी के बारे में जानकारी सुनिश्चित करेगा। बिजनेस लाइन से बातचीत में केंद्रीय सचिव (मत्स्य) रजनी सेखरी सिबल ने बताया, हम एक आईटी-आधारित सॉल्यूशन पर काम कर रहे हैं, जिसमें बारकोडिंग जैसे उपकरण शामिल हैं, जो मछली की उत्पत्ति से लेकर उसके गंतव्य तक पूरी यात्रा को ट्रैक किया जाएगा।
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पिछले साल मछली निर्यात में 47,320 करोड़ का योगदान था
उन्होंने कहा यह उपभोक्ताओं को ये जानने में मदद करेगा कि उन्होंने जो मछली खरीदी है वह कहां से आई है। रजनी सेखरी यहां हिंद महासागर टूना आयोग के 23 वें सम्मेलन के सिलसिले में आई थीं। आपको बता दें कि पिछले साल मछली निर्यात में 47,320 करोड़ का योगदान था, जिसमें 60 प्रतिशत समुद्री क्षेत्र से आया था।