- भारतीय मानक ब्यूरो ने देश के 20 राज्यों की राजधानियों के पानी की कराई जांच
- खाद्य आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री राम विलास पासवान ने दी जानकारी
Moneybhaskar.com
Nov 16,2019 04:51:00 PM ISTनई दिल्ली। पाइप से घरों में आने वाले पीने के पानी की गुणवत्ता जांच में मुंबई का पानी सबसे अच्छा पाया गया है जबकि दिल्ली में अनेक स्थानों का पानी पीने लायक नहीं है। यह जानकारी खाद्य आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री राम विलास पासवान ने शनिवार को दिल्ली में संवाददाता सम्मेलन में दी।
48 बिन्दुओं पर जांचे जाते हैं पाने के नमूने
भारतीय मानक ब्यूरो ने दिल्ली के साथ ही 20 राज्यों की राजधानियों के पेयजल के नमूनों की जांच कराई है। उनमें मुंबई के पेयजल के नमूने को सबसे बेहतर पाया गया है। राष्ट्रीय राजधानी में 11 जगहों से पाइप से आने वाले पेयजल के नमूने लिए गए थे जिनमें से ज्यादातर पेयजल के न्यूनतम मानकों को पूरा करने में विफल रहे। दिल्ली की पानी में अन्य घातक पदार्थों के अलावा बैक्टिरिया भी पाए गए हैं। आपको बता दें कि पानी के नमूनों को 48 बिन्दुओं (पैरामीटर) पर जांचा जाता है।
Union Minister Ram Vilas Paswan: Mumbai tops ranking released by Bureau of Indian Standards (BIS) for quality of tap water. Delhi at the bottom, with 11 out of 11 samples failing on 19 parameters. pic.twitter.com/3nuLuXAuqw
— ANI (@ANI) November 16, 2019
दिल्ली का पानी 19 मानकों को पूरने में विफल
दिल्ली का पानी 19 मानकों को पूरा करने में विफल साबित हुआ है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि शुद्ध पेयजल की समस्या को लेकर वह कोई राजनीति नहीं कर रहे। लोगों को शुद्ध पानी पीने का अधिकार है। गंदे पानी से लोग कई प्रकार की बीमारियों के शिकार होते हैं और छोटे बच्चों को अधिक नुकसान होता है। केन्द्र सरकार ने वर्ष 2024 तक हर घर को नल का जल उपलब्ध कराने की योजना शुरू की है। पासवान ने कहा कि हैदराबाद, भुवनेश्वर और रांची के पानी के नमूनों में मामूली त्रुटि पाई गई है। रायपुर, अमरावती, शिमला और चंडीगढ़ के पानी के नमूने भी दोषपूर्ण पाए गए हैं। पटना, भोपाल, चेन्नई और कोलकाता के पानी के नमूने भी जांच में विफल साबित हुए हैं। लखनऊ और जम्मू के पानी के नमूने दोषपूर्ण पाए गए हैं।
15 जनवरी तक आएगी देश के 100 स्मार्ट शहरों के नमूनों की जांच
उन्होंने कहा कि देश के 100 स्मार्ट शहरों के पेयजल के नमूनों को जांच के लिए भेज दिया गया है और 15 जनवरी तक इसकी रिपोर्ट आ जाएगी। उन्होंने कहा कि पाइप से आपूर्ति की जाने वाली पेयजल के मानक को लागू करने की व्यवस्था को अब तक अनिवार्य नहीं किया गया है जिसके कारण सरकारें अपने-अपने तरीके से इस मुद्दे को देख रही है। उन्होंने कहा कि राज्यों से मानकों के अनुरूप पेय जल की आपूर्ति का अनुरोध किया गया है और इस दिशा में उनका प्रयास लगातार जारी रहेगा।