सिविल एविएशन राज्य मंत्री जयंत सिन्हा ने लोकसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में यह जानकारी दी।
moneybhaskar
Jul 27,2017 06:05:00 PM ISTनई दिल्ली. घरेलू रूट्स पर इकोनॉमिक क्लास में नॉन-वेज खाना नहीं देने के एअर इंडिया के फैसले से कंपनी को हर साल 8-10 करोड़ रुपए की बचत होने की उम्मीद है। सिविल एविएशन राज्य मंत्री जयंत सिन्हा ने लोकसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में यह जानकारी दी।
जयंत सिन्हा ने बताया कि एअर इंडिया की तरफ से यह कदम लागत कम करने, फूड की बर्बादी रोकने और खाने किसी भी तरह की मिलावट को रोकने के लिए उठाया गया है। यह फैसला लेने से पहले क्या हवाई यात्रियों की राय ली गई थी, इसके जवाब में सिन्हा ने कहा कि केबिन क्रू के जरिए यात्रियों का फीडबैक मिला था।
भारी कर्ज में डूबी सरकारी विमानन कंपनी एअर इंडिया लागत कम करने के लिए कई कदम उठा चुकी है। इसमें एक कदम इकोनॉमी क्लास में नॉनवेज खाना नहीं परोसना भी है।
एयरक्रॉफ्ट खरीदने में गड़बड़ी पर CBI केस दर्ज
अलग से एक सवाल के लिखित जवाब में सिविल एविएशन मिनिस्टर अशोक गजापति राजू ने कहा कि एअर इंडिया द्वारा एयरक्रॉफ्ट खरीदने में हुई कथित अनियमितता को लेकर सीबीआई ने केस दर्ज कर दिया है। राजू ने बताया कि इंडियन एयरलाइंस और एअर इंडिया के मर्जर के बाद 1 अप्रैल 2007 को नेशनल एविशएन कंपनी ऑफ इंडिया (एनएसीआईएल) बनाई गई थी। पूर्ववर्ती एअर इंडिया ने दिसंबर 2005 में 68 बोइंग खरीदने का ऑर्डर दिया था, जबकि इंडियन एयरलाइंस ने फरवरी 2006 में 43 एयरक्रॉफ्ट खरीदने के ऑर्डर दिए थे। इन्हीं एयरक्रॉफ्ट को खरीदने में कथित अनियमितता की जांच चल रही है।