पाएं अपने शहर की ताज़ा ख़बरें और फ्री ई-पेपर
डाउनलोड करेंकोरोना के चलते स्कूल बंद रहने की वजह से पिछले दो साल के दौरान बच्चों के सीखने की क्षमता पर असर पड़ा है। इसे लर्निंग पॉवर्टी कहा जाता है। वर्ल्ड बैंक का कहना है कि संक्रमण रोकने के नाम पर स्कूलों को बंद करना बेतुका फैसला है। जब रेस्त्रां, होटल, बार और शॉपिंग मॉल्स खुले हुए हैं, तो स्कूल बंद करने का कोई आधार नहीं है।
वर्ल्ड बैंक के शिक्षा निदेशक जेमी सावेद्रा का कहना है, 'स्कूल खोलने से संक्रमण में तेजी आने का कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है। कई देशों में स्कूल बंद होने के बावजदू कोरोना संक्रमण की कई लहरें आई हैं।' उनका कहना है कि स्कूल खोलने के लिए सभी बच्चों को टीका लगने का तर्क भी गलत और अव्यवहारिक है। संक्रमण के नई लहर के दौरान भी आखिरी उपाय के तौर पर ऐसा कदम उठाया जाना चाहिए। उनकी टीम कोरोना के शिक्षा पर असर पर अध्ययन कर रही है।
बच्चों में संक्रमण का जोखिम कम, शिक्षा का नुकसान ज्यादा
वर्ल्ड बैंक की ही एक रिपोर्ट के अनुसार स्कूल खोले रखने से बच्चों में संक्रमण का जोखिम बहुत कम होता है, लेकिन इसकी तुलना में बच्चों की शिक्षा को लेकर होने वाला नुकसान अधिक होता है। कोरोना काल की शुरुआत के दौरान दुनिया भर में प्रतिबंधों का दौर शुरू हुआ। ये परिस्थितिजन्य अधिक था। स्कूलों को बंद करना इसमें शामिल था। अब महामारी के दो साल बाद दुनिया भर में सरकारें ज्यादा परिपक्व फैसले कर सकती हैं।
भारत में 70% बच्चों पर स्कूल बंद होने का असर
वर्ल्ड बैंक के अध्ययन के अनुसार पिछले दो साल के दौरान भारत में स्कूल बंद होने से 10 साल तक के 70 फीसदी बच्चों की सीखने की क्षमता पर असर पड़ा हैं। इसे लर्निंग पावर्टी कहा जाता है। इसमें 10 साल तक के बच्चों को सामान्य वाक्यों को भी पढ़ने और लिखने में मुश्किलें आती हैं।
दुनिया के 100 से अधिक देशों में फिर खुले स्कूल
यूनीसेफ के दिसंबर, 2021 में जारी रिपोर्ट के अनुसार दुनिया भर में लगभग 100 से अधिक देशों में स्कूल फिर से खुल गए हैं। अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा और जापान मेंं हुए शोध के अनुसार स्कूल खोलने से संक्रमण फैलाव पर बहुत कम असर पड़ता है। मैक्सिको, फिलीपींस जैसे कुछ ही देश हैं जिन्होंने ओमिक्रॉन संक्रमण की लहर के दौरान स्कूलों को बंद किया है। कोरोना काल के दौरान स्कूल बंद होने से दुनिया भर में लगभग 30 करोड़ बच्चे प्रभावित हुए थे।
इकोनॉमी को 30 लाख करोड़ रुपए का घाटा
स्कूल बंद हाेने के क्रम से बच्चों की पढ़ाई पर बहुत अधिक असर पड़ता है। वर्ल्ड बैंक के एक अनुमान के अनुसार भारत की अर्थव्यवस्था को इससे आने वाले समय में लगभग 30 लाख करोड़ रुपए का घाटा होने की आशंका है। बच्चों की भविष्य की कमाई पर इसका विपरीत असर पड़ता हैं।
Copyright © 2022-23 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.