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डाउनलोड करेंसीतापुर में पटरी दुकानदारों को एक जगह पर स्थापित करने की दो साल पहले बनी योजना आज भी जमीन पर नही उतर सकी है। लिहाजा आज भी पटरी दुकानदार सड़कों के किनारे दुकानो को लगाकर अपना जीवन यापन कर रहा है और प्रशासन द्वारा अतिक्रमण हटाये जाने के अभियान के दौरान वह प्रशासन के बुल्डोजर का भी शिकार होता है लेकिन उसकी पुकार सुनने वाला कोई नही है। इन पटरी दुकानदारों के कारोबार से सड़क पर शहर में जाम की भी स्थिति अत्यधिक बन जाती है। पटरी दुकानदारों को स्थायी समाधान के लिए नपा की बोर्ड बैठक मर मंजूरी मिली थी लेकिन दो साल बाद अभी आज तक कोई भी काम नही हो सका है।
पटरी दुकानों से बनती जाम की स्थिति
सीतापुर शहर में अब ऐसी कोई भी सड़क नही है जहां पर पटरी दुकानदार अपना व्यवसाय न करते हो,इसमें शहर की आंख अस्पताल रोड, लालबाग से लाल कपड़ा कोड़ी मार्ग,लालबाग से मंडी चौकी सहित अन्य मार्गों पर भी पटरी दुकानदार जैसे फल,सब्जी,ठेला इत्यादि चीजे लगाकर अपना व्यापार करते है।
इन पटरी दुकानदारों की वजह से आवगमन के बनी सड़क पर सामान होने की वजह से ग्राहकों के पहुंचते ही वाहनों की लाइन लग जाती है और सड़क पर जाम की स्थिति बन जाती है। नगर पालिका ने इसी जाम की स्थिति से निपटने के लिए और राजस्व में बढ़ोत्तरी के लिए पटरी दुकानदारों को एक जगह जमीन पर स्थापित करने की योजना बनायी थी।
जमीन न मिलने से अटकी योजना
नगर पालिका सीतापुर की बोर्ड बैठक में तकरीबन दो साल पहले पटरी दुकानदारों को बहुत कम टैक्स वसूल पर व्यापारियों को एक जगह स्थापित करने की सुविधा देने की योजना बनी थी लेकिन योजना पर कार्य न होने के चलते पटरी दुकानदार अतिक्रमण कर व्यापार कर रहे है। ईओ नगर पालिका वैभव त्रिपाठी का कहना है कि नजूल की जमीन न मिलने से पटरी दुकानदारों को एक जगह स्थापित नही किया जा सका है और जल्द ही जमीन चिन्हित कर उन्हें एक जगह पर अस्थाई व्यापार के लिए जमीन दी जाएगी। उन्होंने कहा कि इस योजना पर काम चल रहा है।
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