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डाउनलोड करेंइटवा में इनदिनों फाइलेरिया के खिलाफ अभियान चल रहा है। जिसके लिए पूरे विकास खंड क्षेत्र में 176 टीमें कार्य कर रही हैं। इसके बाद भी किसे दवा खानी है और किसे नहीं, इसको लेकर कई जगहों पर असमंजस की स्थिति पैदा हो रही है। जिसको लिए यूनिसेफ ने मंगलवार को जागरूकता अभियान चलाया। जिसमें फाइलेरिया अभियान से जुड़े महत्वपूर्ण बिंदुओं की जानकारी दी गयी और कोविड-19 टीकाकरण के बारे में भी ग्रामीण महिलाओं को जागरूक किया गया।
इन नहीं खानी है दवा
इटवा ब्लाक के मुड़िला शिवदत्त में यूनिसेफ द्वारा चलाए गए अभियान में ब्लाक समन्वयक रिजवाना अंसारी ने कहा कि फाइलेरिया व कीड़े की दवा के प्रति सभी सतर्कता बरतें। ध्यान रहे कि शून्य से दो वर्ष के बच्चे, गर्भवती माताओं एवं गंभीर बीमारियों से जो ग्रसित हैं, उन्हें ये दवा नहीं खानी हैं। बाकी सभी लोगों को दवा खानी है। टीम घर-घर जाकर दवा खिला रही है।
मानक के हिसाब से दी जा रही है दवा
यूनिसेफ समन्वयक ने कहा कि जो मानक निर्धारित है, टीम के सदस्य उसी हिसाब से दवा दे रहे हैं। फिर भी ग्रामीण महिलाएं स्वयं भी जागरूकता बरतें। दो से पांच वर्ष तक के बच्चों को फाइलेरिया की एक और कीड़े की एक दवा, पांच से 15 वर्ष तक बच्चों को फाइलेरिया की दो और कीड़े की एक और 15 वर्ष से ऊपर के सभी लोगों को फाइलेरिया की तीन और कीड़े की एक गोली दी जानी है। जागरूकता कार्यक्रम में कोविड-19 टीके के प्रति सभी को जागरूक किया गया है। अभी जिन लोगों को ने टीका नहीं लगा है, उनको नजदीक के सीएचसी और पीएचसी पर जाकर टीकाकरण कराने के प्रति प्रेरित किया गया है।
यूनिसेफ के द्वारा किया जा रहा है जागरुक
मुड़िला शिवदत्त में आयोजित कार्यक्रम में ब्लाक समन्वयक यूनिसेफ रिजवाना अंसारी, बीसीपीएम शिव शंकर वरूण, संगिनी सुषमा सहित ग्रामीण महिलाओं में ममता, सावित्री देवी, सोनम आदि मौजूद रहीं।सीएचसी अधीक्षक डॉ. बीके वैद्य ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग और यूनिसेफ द्वारा जागरूकता कार्यक्रम चलाया जा रहा। जिससे अभियान सफल हो सके।
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