पाएं अपने शहर की ताज़ा ख़बरें और फ्री ई-पेपर
डाउनलोड करेंसंतकबीरनगर में घाघरा नदी का जल स्तर बढ़ने लगा है। जिसके कारण नदी के किनारे बसे गांव के लोग बाढ़ के डर से भयभीत दिखाई दे रहे हैं। घाघरा नदी के किनारे स्थित गायघाट गांव को अपनी चपेट में लेने के लिए आतुर दिखाई दे रही है।
बता दें, धनघटा क्षेत्र के दक्षिण में घाघरा नदी बहती है। इस घाघरा नदी के चपेट में बरसात के समय दर्जनों गांव के हजारों लोग आते हैं। इस क्षेत्र में बसे लोगों को प्रतिवर्ष बाढ़ की मार झेलनी पड़ती है। इस बार की चपेट में सबसे ज्यादा किसानों की फसल बर्बाद हो जाती है। उनका खेत प्रतिवर्ष नदी के कटान में विलीन होता जा रहा है। जब बाढ़ का समय आता है तो शासन और प्रशासन के लोग ग्रामीणों को बाढ़ से बचाने के लिए हर संभव प्रयास करने का तसल्ली देते हैं। लेकिन बरसात के समय सरयू नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ जाता है। जिसके कारण घाघरा नदी के किनारे बसे ग्रामीणों को काफी दिक्कत झेलनी पड़ती है।
घाघरा नदी के किनारे बसा गांव गायघाट लगभग 3 वर्ष से धीरे-धीरे नदी के आगोश में समा रहा है। बीते वर्ष इस गांव के लगभग दर्जनों लोगों का मकान नदी में समा गया और कुछ लोग अपना आशियाना खुद उजाड़ कर कहीं और जाकर झुग्गी झोपड़ी डालकर बस रहे हैं। वर्तमान समय में नदी गांव के पास बह रही है।
उप जिलाधिकारी ने ग्रामीणों को दिया आश्वासन
मंगलवार को लोहरैया मंडल अध्यक्ष दिलीप राय उप जिलाधिकारी धनघटा के साथ गायघाट गांव में पहुंचे। वहां पर पहुंचकर उप जिलाधिकारी रविंद्र कुमार ने ग्रामीणों से वार्ता किया। वहां पर मौजूद ग्रामीणों से कहा कि आपकी परेशानियों को शासन स्तर तक पहुंचाने का काम करेंगे तथा आप लोगों को हर संभव सहयोग किया जाएगा, जिन लोगों का मकान नदी में विलीन हो गया है उन लोगों को जमीन तथा आवास दिलाने का प्रयास किया जाएगा।
Copyright © 2022-23 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.