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डाउनलोड करेंसंभल में बहुजन समाज पार्टी में 29 साल तक अपना राजनीतिक सफर करने वाले कद्दावर नेता अकील उर रहमान खा को पार्टी ने निष्कासित कर दिया है। उन पर पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप है। बताया जा रहा कि वह ब्लॉक प्रमुख पद की सपा समर्थित प्रत्याशी के नामांकन में शामिल हुए थे। तभी से पार्टी हाईकमान ने उनके खिलाफ कार्रवाई का मन बना लिया था।
बसपा जिलाध्यक्ष जितेंद्र सिंह एडवोकेट ने जारी किया लेटर
जिले के बसपा जिलाध्यक्ष जितेंद्र सिंह एडवोकेट की तरफ से एक पत्र जारी किया गया है। जिसमें कहा गया है कि बसपा की जिला यूनिट की रिपोर्ट के आधार पर बसपा के पूर्व विधायक अकील उर रहमान खा को अनुशासनहीनता और पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है। इसके पीछे एक कारण यह भी बताया जा रहा है कि उनके द्वारा सपा से मुरादाबाद की कुंदरकी विधानसभा सीट से टिकट मांगने की जानकारी हाईकमान तक पहुंची थी। जिसको लेकर पार्टी ने नाराजगी जताई थी।
सपा प्रत्याशी के नामांकन में शामिल होना पड़ा मंहगा
वहीं कहा यह भी जा रहा है कि जुलाई में ब्लॉक प्रमुख चुनाव के दौरान संभल में ब्लॉक प्रमुख पद की सपा समर्थित प्रत्याशी के नामांकन में अकील उर रहमान खा के शामिल होने की तस्वीरें बसपा हाईकमान तक पहुंची थी। जिसके बाद से ही पार्टी हाईकमान इनके खिलाफ कार्यवाही का मन बना चुका था। लेकिन कई महीने तक मामला शांत होने के बाद सपा से टिकट मांगने की दावेदारी को लेकर जिला यूनिट ने पार्टी हाईकमान को रिपोर्ट सौंपी। तो इस बार पार्टी हाईकमान ने कार्यवाही करते हुए अकील उर रहमान को पार्टी से बाहर कर दिया है।
पार्टी में निभा चुके हैं अहम जिम्मेदारियां
अकील उर रहमान खा ने संगठन के लिए भी अहम रोल निभाया है। वह मुरादाबाद व बरेली मंडल के कोऑर्डिनेटर रहे। तो वहीं बसपा में राजस्थान और महाराष्ट्र प्रदेश के प्रभारी भी रह चुके हैं। वहीं 2019 में पार्टी ने उन्हें उत्तराखंड प्रभारी की जिम्मेदारी भी दी थी।
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