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डाउनलोड करेंप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा तीन कृषि कानून वापस करने के बाद से भाजपा नेता किसानों को लुभाने में लगे हैं। हालांकि संसद में तीन कृषि कानून को वापस करने पर मुहर लग चुकी है। 02 दिसंबर को पुंवारका में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ मां शाकंभरी देवी यूनिवर्सिटी का शिलान्यास करने पहुंच रहे हैं। इससे पहले ही किसानों को लुभाने के लिए भारतीय किसान मोर्चा ने किसान ट्रैक्टर रैली निकाली। जिसमें यूपी सरकार में कैबिनेट मंत्री सुरेश राणा पहुंचे। ट्रैक्टर रैली गांव जंधेड़ा में भाजपा के पूर्व सांसद स्व.नकली सिंह के आवास से शुरू हुई और सहारनपुर के हसनपुर चुंगी चौराहे पर समाप्त हुई।
100 से ज्यादा ट्रैक्टर रैली में शामिल हुए
ट्रैक्टर रैली गांव जंधेड़ा से शुरू हुई। कैबिनेट मंत्री सुरेश राणा ट्रैक्टर पर सवार हुए और स्टीयरिंग संभाला। मंत्री गांव से शहर तक ट्रैक्टर को खुद चलाकर लाए। रैली में भाजपा जिंदाबाद और किसान जिंदाबाद के नारे लगाए गए। ट्रैक्टर रैली हसनपुर चुंगी के चौराहे पर पहुंची, उसके बाद मंत्री सुरेश राणा सर्किट हाउस पहुंचे और भाजपा कार्यकर्ताओं से 02 दिसंबर को होने वाले कार्यक्रम के बारे में बात की।
पूर्व सरकारों पर लगाया किसानों की अनदेखी का आरोप
कैबिनेट मंत्री सुरेश राणा ने मीडिया से मुखातिब होते हुए कहा कि पूर्व सरकारों ने किसानों के हित में कोई काम नहीं किया है। वहीं सपा सरकार पर भी किसानों की अनदेखी का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि सपा सरकार ने किसानों को गन्ना भुगतान के लिए लटकाए रखा। लेकिन भाजपा सरकार बनने के बाद किसानों का भुगतान किया गया। प्रदेश में 55 लाख मीट्रिक टन गेहूं और 65 लाख मीट्रिक टन धान भाजपा सरकार में ही खरीदा गया है। वहीं MSP को मजबूत करने का काम भी भाजपा सरकार ने किया है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने शुगर मील लगाने और चलाकर किसानों को राहत देने का काम किया है।
किसानों को मजबूत बनाने के लिए जमीन पर आना पड़ता है:इमरान मसूद
कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव इमरान मसूद ने भाजपा की ट्रैक्टर रैली पर तंज कसते हुए कहा कि ट्रैक्टरों पर बैठकर किसानों के हितों के बारे में नहीं सोचा जा सकता है। किसानों का भला करने के लिए जमीन पर कार्य करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि किसान परेशान है, उनके बकाया गन्ना मूल्य का भुगतान करके किसानों को मजबूत बनाया जा सकता है। किसान कृषि कानून वापस पर मोहर लगने के बाद भी यकीन नहीं हो रहा है, यदि भाजपा सरकार दोबारा आई तो फिर से तीन कृषि कानून उन पर थोंप दिए जाएंगे।
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