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डाउनलोड करेंसहारनपुर में नगर निगम में 2010 से लेखा विभाग में एक ही पटल पर कार्यरत इंद्रजीत आनंद को निलंबित कर दिया गया है। सरकारी अभिलेख गायब करने और पटल बदलने पर अलमारी की चॉबी लेकर गायब होने का आरोप है। निर्धारण अधिकारी, प्रभारी उप नगर आयुक्त दिनेश यादव इस मामले की जांच करेंगे।
14 जून को हुआ था हस्तांतरण
नगरायुक्त कार्यालय से जारी आदेश में कहा गया है कि इंद्रजीत आनंद वर्ष 2010 से लेखा विभाग में एक ही पटल पर कार्यरत है। शासनादेश 13 मई 2022 के अनुपालन में सहायक लेखाकार इंद्रजीत आनंद का स्थानांतरण 14 जून को लेखा विभाग से कर विभाग में कर दिया गया था।
रिक्त पद पर तीन दिन में कार्यभार ग्रहण करने व कार्यभार सौंपने का समय दिया गया था। इंद्रजीत के स्थान पर स्थानान्तरित अनुज सैनी ने 21 जून को अधिकारियों को अवगत कराया कि इंद्रजीत द्वारा उन्हें कोई चार्ज नहीं दिया। 15 जून को वह अलमारी का ताला लगाकर चले गए हैं, जिस कारण कार्य बाधित हो रहा है।
बिना बताए अवकाश लेने का आरोप
आदेश में कहा गया है कि इंद्रजीत आनंद पर कार्यकारिणी समिति के लिपिक का भी कार्यभार है। 15 जून को कार्यकारिणी समिति की बैठक हुई थी। बैठक के लिए एजेंडा प्रस्तुत न करने, बिना बताए 13 जून से 15 जून 2022 तक बिना किसी आवश्यकता के अवकाश पर चले जाने और कार्यालय में ही घूमते रहने तथा अधिष्ठान लिपिक से अपना अवकाश प्रार्थना पत्र लेकर तीन दिन के अवकाश को ओवर राइटिंग कर एक दिन का अवकाश बना देने, बिना सक्षम अधिकारी की अनुमति प्राप्त किये कर्मचारियों के बकाया का भुगतान करने, सरकारी अभिलेख गायब करने तथा अपनी प्रोन्नति संबंधी पत्रावली अपनी अभिरक्षा में रखने तथा अपनी व्यक्तिक पत्रावली से अभिलेख गायब करने आदि आरोप इंद्रजीत पर लगाए गए हैं। आदेश में इन सब आरोपों को गंभीर अपराध बताते हुए यूपी सरकारी सेवक आचरण नियमावली 1956 का उल्लंघन मानते हुए इंद्रजीत आनंद को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है। अनुशासनात्मक कार्रवाई की संस्तुति की गई है।
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