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डाउनलोड करेंसहारनपुर में जनसेवा एक्सप्रेस डिरेल होते-होते बच गई। सरसावा के शाहजहांपुर रेलवे फाटक संख्या 96 सी पर अचानक रेलवे लाइन बैठ गई। इसी दौरान अमृतसर जनसेवा एक्सप्रेस ट्रैक पर आ रही थी। सूचना मिलते ही ड्राइवर ने इमरजेंसी ब्रेक लगाकर ट्रेन को रोक दिया।
16 ट्रेनों को किया गया रद्द
उत्तर रेलवे ने 28 ट्रेनों की सूची जारी की है। जिनमें से 16 ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है, जो सहारनपुर-अंबाला से होकर निकलने वाली थीं। बाकी 12 ट्रेनों को जो लंबी दूरी की हैं, के रूट में बदलाव किया गया है। इन ट्रेनों को मुरादाबाद और अंबाला से वाया पानीपत दिल्ली, गाजियाबाद से होकर निकाला जाएगा।
जानकारी के अनुसार हथिनीकुंड बैराज से यमुना नदी में 2.57 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। जिससे यमुना नदी का जल स्तर काफी बढ़ गया है। सोमवार को सरसावा के शाहजहांपुर में रेलवे फाटक के पास रेलवे ट्रैक की अप और डाउन दोनों लाइनें बैठ गईं।
बड़ा रेल हादसा होने से टला
गेटमैन कृष्ण कुमार और मेट रामराज ने इसकी सूचना हरियाणा के कलानौर रेलवे स्टेशन और सहारनपुर के अधिकारियों को दी। रेलवे अधिकारी की सूचना पर अमृतसर से सहरसा जा रही गाड़ी संख्या 4618 को इमरजेंसी ब्रेक लगाकर रोकना पड़ा। रेलवे लाइन धंसने की जानकारी होते ही यात्रियों में खलबली मच गई।
सहरसा एक्सप्रेस से पहले निकली थी दूसरी ट्रेन
सोमवार को करीब 1:30 बजे गाड़ी संख्या 4639 मोहाली-फिरोजपुर एक्सप्रेस पास हुई। उसके बाद डाउन साइड से 4618 अमृतसर-सहरसा जनसेवा एक्सप्रेस आ गई। इससे पहले वह गेट नंबर 96 सी को पार करती तभी गेटमैन रामराज की सूचना पर ड्राइवर ने 300 मीटर पहले ही ट्रेन रोक लिया।
गेटमैन रामराज ने बताया कि जब मैंने ट्रेन की पटरियों को नीचे बैठते हुए देखा तो सबसे पहले मैंने गाड़ी के सिग्नल रेड किए ताकि यदि कोई ट्रेन आए तो ड्राइवर सिग्नल देखकर गाड़ी को पहले ही रोक ले।
यात्री बोले- जंगल में आकर बुरे फंस गए
यात्री कृष्ण मोहन ने बताया कि वह लुधियाना से सहरसा बिहार जा रहा था। 2 घंटे से ट्रेन यहां पर रुकी है। जंगल में खाने-पीने की समस्या हो रही है। अनंत कुमार ने कहा कि बहुत जरूरी काम से गोरखपुर जाना था, लेकिन पटरियां धंस गई। अब समझ में नहीं आ रहा है। यहां से कहां जाए।
गिरीश यादव ने कहा कि मुझे भी बिहार जाना है, लेकिन अब परेशानी खड़ी हो गई है। जब ट्रेन खड़ी हो गई और आगे जाने की उम्मीद यात्रियों को नहीं लगी तो बहुत सारे यात्री पैदल ही अपना सामान सिर पर रखकर रेलवे लाइन के बीचो-बीच सहारनपुर की ओर चलने के लिए मजबूर हो गए।
3:30 बजे ट्रेन को अंबाला वाया पानीपत के लिए रवाना किया
यात्रियों ने राहत कार्य में जुटे अधिकारियों से रिक्वेस्ट की कि ट्रेन को आगे चलाया जाए या हमें हमारे गंतव्य तक पहुंचाने की व्यवस्था कराई जाए। रेलवे ने यात्रियों की समस्याओं को गंभीरता से लेते हुए ट्रेन को वापस बैक करते हुए कलानौर से अंबाला वाया पानीपत से जाने का निर्णय लिया। आखिर में 3:30 बजे ट्रेन वापस हुई, तो यात्रियों ने राहत की सांस ली।
फसलें जलमग्न हुईं
पानी आने की आशंका के चलते अनेक किसान खेतों से अपने मोटर आदि सामान पहले ही घरों को ले आए थे। सोमवार को यमुना का जल स्तर बढ़ने से फसलें जलमग्न हो गईं। खादर क्षेत्र के गांव बल्ला मजरा, दौलतपुर, कुंडा कला आदि के ग्रामीणों का कहना है कि गन्ना, धान, चेरी, चारा समेत सभी फसलें डूब गई हैं।
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