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डाउनलोड करेंप्रदेश में 68,500 शिक्षकों की भर्ती में हुई अनियमितता के मामले में शासन ने तत्कालीन सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी डॉ. सुत्ता सिंह के खिलाफ एक और कार्रवाई की है। जांच के बाद निलंबित चल रहीं सुत्ता सिंह को शासन ने अब परिनिंदित किया है। विशेष सचिव आरवी सिंह की ओर से यह परिनिंदा का आदेश जारी किया गया है। इसमें सहायक अध्यापक भर्ती में बरती गई शिथिलता के मद्देनजर डॉ. सुत्ता सिंह को जिम्मेदार ठहराया गया है। इसका असर उनके करियर और प्रमोशन पर पड़ेगा।
फेल या बिना परीक्षा दिए अभ्यर्थी करा दिए थे पास
68500 शिक्षक भर्ती की लिखित परीक्षा में व्यापक पैमाने पर गड़बड़ी के आरोप लगे थे। परीक्षा में ऐसे अभ्यर्थियों को पास कर दिया गया था जो फेल हो गए थे या परीक्षा में ही शामिल ही नहीं हुए थे। जब यह मामला शासन तक पहुंचा और इसकी जांच कराई गई तो आरोप सही पाए गए । इसके बाद शासन ने तत्कालीन सचिव डॉॅ. सुत्ता सिंह को निलंबित करते हुए जांच के आदेश दिए थे।
क्या थे आरोप
सुत्ता सिंह पर आरोप थे कि दो अभ्यर्थियों के बिना परीक्षा दिए पास कर दिया गया। इसके अलावा परीक्षा में फेल होने वाले 21 अन्य अभ्यर्थियों पास किए जाने किया गया। जब जांच में इस गड़बड़ी का खुलासा हुआ तो शासन ने उन्हें निलंबित कर दिया। अब भर्ती परीक्षा में शिथिलता बरतने के मामले में परिनिंदित किया है।
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