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डाउनलोड करेंप्रतापगढ़ में सोमवार को IAS राकेश शुक्ल के भाई अश्वनी शुक्ल की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। देर रात करीब 2 बजे अश्वनी का शव लखनऊ से उनके पैतृक घर लाया गया। साथ में IAS राकेश शुक्ल और दूसरे रिश्तेदार भी मौजूद रहे। मंगलवार सुबह अश्वनी के परिवार वालों ने उनका अंतिम संस्कार करने से इंकार कर दिया। परिवार वालों ने कहा कि जब तक डीएम और एसपी नहीं आते हैं, वो अंतिम संस्कार नहीं करेंगे।
मृतक के भाई महेश नारायण शुक्ल कहा कि शस्त्र लाइसेंस, फास्ट ट्रैक कोर्ट, एक सराकरी नौकरी और 50 लाख की आर्थिक सहायता मिलने के बाद ही वो अंतिम संस्कार करेंगे। सूचना पर डीएम डॉ. नितिन बंसल और एसपी सतपाल अंतिल मौके पर पहुंचे।
अधिकारियों के आश्वासन पर किया अंतिम संस्कार
अधिकारियों ने काफी समझाया, लेकिन IAS के परिवार वाले उनके सामने ही मांगों पर अड़े रहे। करीब 5 घंटे मान-मनौव्वल के बाद आईएएस के परिवार वाले अधिकारियों के आश्वासन पर माने। इसके बाद करीब 3 बजे वो अश्वनी के शव को अंतिम संस्कार के लिए लेकर गए। उधर, पुलिस ने अश्वनी शुक्ल के हत्यारोपी ह्रदय लाल को सोमवार रात को ही गिरफ्तार कर लिया था। मंगलवार को उसे जेल भेज दिया गया। पुलिस ने हत्या में प्रयुक्त आला कत्ल भी बरामद कर लिया है।
उधार देना पड़ा भारी, गंवानी पड़ी जान
मृतक अश्वनी के भाई राकेश शुक्ल वर्तमान में समाज कल्याण विभाग के विशेष सचिव हैं। लखनऊ में ही उनकी तैनाती है। उनके बड़े भाई अश्वनी शुक्ल (48) महेशगंज थानाक्षेत्र के हरिकेश गांव में रहते हैं। उन्होंने गांव के ही ह्रदयलाल पुत्र कल्लू को कुछ दिनों पहले 10 हजार रुपए उधार दिए थे। रविवार रात अश्वनी को पता चला कि हृदयलाल ने अपनी जमीन बेची है। इस पर सोमवार सुबह करीब 7 बजे अश्वनी उधार दिए गए रुपए मांगने के लिए उसके घर पहुंचा। बातचीत के दौरान ही दोनों में विवाद होने लगा।
अधमरा कर फरार हो गया था
गुस्से में आकर हृदयलाल ने घर में रखी लाठी उठाकर अश्वनी के ऊपर ताबड़तोड़ हमला कर दिया। घटना में अश्वनी का सिर फट गया। वह जमीन पर लहूलुहान होकर गिर गया। आरोपी मौके से फरार हो गया। आनन-फानन परिजन इलाज के लिए घायल अश्वनी को रायबरेली लेकर पहुंचे। यहां से उसे लखनऊ के केजीएमयू रेफर किया गया, जहां इलाज के दौरान सोमवार शाम करीब 7 बजे उसकी मौत हो गई।
ब्रेन डेड कंडीशन में केजीएमयू पहुंचा था मरीज
KGMU ट्रामा सेंटर प्रभारी डॉ. संदीप तिवारी ने बताया कि दोपहर ढाई से तीन बजे के बीच रायबरेली जिला अस्पताल से ब्रेन डेड कंडीशन में मरीज ट्रामा सेंटर लाया गया था, उसे इनक्यूबेट करने का प्रयास किया गया। मगर कुछ ही देर में उनकी मौत हो गई।
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