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  • Lucknow SGPGI Director Prof. RK Dhiman Exclusive On DB Digital Says, In The Third Wave, There Is Nothing To Worry About The Newborns, The Natural Immunity Of The Children Will Keep Them Safe

ओमिक्रॉन से सबसे ज्यादा संक्रमित होंगे युवा:SGPGI निदेशक प्रो. धीमन ने किया दावा, बोले- बच्चों की नैचुरल इम्युनिटी पछाड़ देगी, युवाओं को सतर्क रहने की जरूरत

लखनऊएक वर्ष पहलेलेखक: प्रणव कुमार
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देश दुनिया में कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन को लेकर लखनऊ के संजय गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (SGPGI) ने दावा किया है कि युवाओं को सतर्क रहने की जरूरत है। कोरोना की दूसरी लहर की तरह संभावित तीसरी लहर में युवा सबसे ज्यादा संक्रमित होंगे। हालांकि बच्चों के लिए राहत भरी खबर है। संस्थान के निदेशक प्रो. आरके धीमन ने दावा किया है कि ओमिक्रॉन के प्रकोप से बचने के लिए बच्चों की नेचुरल इम्युनिटी मुफीद साबित होगी। तीसरी लहर में बच्चे प्रभावित नहीं होंगे। पहली और दूसरी लहर की तरह इस लहर में भी बच्चे सुरक्षित रहेंगे।

पेश है दैनिक भास्कर की प्रो.आरके धीमन से बातचीत

सवाल: ओमिक्रॉन वैरिएंट से कौन सा आयु वर्ग सर्वाधिक प्रभावित होगा?
जवाब: साउथ अफ्रीका से आ रही जानकारी के मुताबिक अभी तक सबसे ज्यादा प्रभावित युवा हैं। इसलिए उन्हें ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है। विशेष तौर पर जिन्होंने भी अभी तक वैक्सीन नहीं ली है। उनके लिए अब वैक्सीन लेने का समय आ गया है। सरकार को भी इसका विशेष ध्यान रखना चाहिए।

सवाल: जिनके लिए अभी वैक्सीनेशन शुरू नही हुआ है, वह इस वैरिएंट से कैसे बचे?
जवाब: कोविड एप्रोप्रियेट बिहेवियर ही इससे बचाव का सबसे बेहतर तरीका है। दूसरे शब्दों में कहे तो यही 'राम बाण' इलाज है। किन्हीं कारणों से जो अब तक वैक्सीन नहीं ले सके हैं, उनके लिए भी इस भयावह वैरिएंट से बचाव का बेस्ट तरीका है।

सवाल: तीसरी लहर में आशंका जताई जा रही थी कि नौनिहालों के ऊपर इसका सर्वाधिक असर रहेगा, अभी क्या कहेंगे आप?
जवाब: मेरा मानना है कि फिलहाल ऐसा कुछ प्रतीत होता नहीं दिख रहा। यह सही है कि ओमिक्रॉन वैरिएंट से तीसरी लहर आने की प्रबल संभावना है। लेकिन बच्चों पर इसके संभावित असर को बहुत प्रभावी मानने के लिए जानकारी उपलब्ध नही है। पर मेरा मानना यह कि वैक्सीनेशन काउंट ज्यादा है और यहां के बच्चों में नेचुरल इम्युनिटी भी ज्यादा है और यही इम्युनिटी उन्हें बचाएगी। इस इम्युनिटी से वे ओमिक्रॉन वैरिएंट को आराम से पछाड़ देंगे।

इसके अलावा किसी भी गंभीर स्थिति से निपटने के लिए भी हम तैयार हैं। प्रदेश भर के चिकित्सालयों में PICU-NICU वार्ड तैयार है। संस्थान में भी 72 बेड का PICU वार्ड तैयार है। हमारे पास नौनिहालों के लिए दवाओं से लेकर बेड व जरूरी सामान तक समुचित मात्रा में उपलब्ध है।

सवाल : वैक्सीन की एफिकेसी कितनी है?
जवाब : वैक्सीन की एफिकेसी पूरी है। इसको लेकर कोई भ्रम न रखें। सभी को वैक्सीन लगवाना चाहिए। हो सकता है कि डेल्टा वैरिएंट से कम प्रोटेक्शन हमें मिले पर 50 से 60 फीसदी प्रोटेक्शन भी बेहतरीन है, यह हमें महफूज रखने में सहायक है क्योंकि हमें पहले से ही नेचुरल प्रोटेक्शन हासिल है।

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