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डाउनलोड करेंभारतीय किसान मजदूर मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष गुलाम मोहम्मद जोला की सुबह के वक्त अखबार पढ़ते वक्त हार्ट अटैक से मौत हो गई। उनकी मौत की खबर क्षेत्र में आग की तरह फैल गई और परिवार में कोहराम मच गया। परिवार को सांत्वना देने के लिए उनके घर लोगों को तांता लगा हुआ है।
कौन थे गुलाम मोहम्मद जौला
1988 बने भारतीय किसान यूनियन संगठन में इनकी अहम भूमिका रह चुकी है। भारतीय किसान यूनियन के संस्थापक स्व. चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत से कंधे से कंधा मिलाकर चलने वाले गुलाम मोहम्मद ने बहुत से आंदोलनों में अहम भूमिका निभाई है। 2013 के दंगों के बाद गुलाम मोहम्मद ने अपना अलग मंच खड़ा कर लिया था, जिसे भारतीय किसान मजदूर मंच का नाम दिया। गुलाम मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे।
अखबार पढ़ने के दौरान पड़ा दिल का दौरा
वयोवृद्ध किसान नेता गुलाम मोहम्मद जोला का 87 साल की आयु में निधन हो गया। उनके पुत्र मुन्ना प्रधान ने बताया कि सोमवार को सुबह करीब 7 बजे उनकी अखबार पढ़ने के दौरान दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हुआ। उनका शव सायं 6 बजे सुपुर्द-ए-खाक किया जाएगा।
बुढ़ाना क्षेत्र के गांव जौला निवासी संपन्न किसान परिवार से संबंध रखने वाले गुलाम मोहम्मद जोला के निधन से सभी स्तब्ध हैं। किसान के हकों की पैरोकारी के मामले में जोला को काफी आगे माना जाता था। उनकी राजनीति की शुरुआत हिमाचल प्रदेश एवं पंजाब के राज्यपाल रहे वीरेन्द्र वर्मा के साथ हुई थी। पूर्व राज्यपाल स्व. वीरेन्द्र वर्मा के साथ शाना-ब-शाना सियासत करने वाले गुलाम मोहम्मद जोला 27 साल तक उनके साथ जुड़े रहे।
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