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डाउनलोड करेंमिर्जापुर के विंध्याचल के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं को मशक्कत नहीं करनी पड़ेगी। अब श्रद्धालु 20 रुपए खर्च करके रोपवे से विंध्याचल के दर्शन के साथ ही हवा में पहाड़ों की सैर भी कर सकते हैं। शारदीय नवरात्र मेला में आने वाले भक्तों के लिए रोपवे मनोरंजन के साथ ही कालीखोह से अष्टभुजा मन्दिर आने-जाने का सहारा बन गया है। इसके लिए पहले श्रद्धालुओं को 165 सीढ़ियां चढ़नी पड़ती थीं।
रोपवे में सफर करने वालों ने सरकार की योजना को सराहा जा रहा है। नवरात्र पर यहां पर लाखों की श्रद्धालु आ रहे हैं।
लाखों श्रद्धालु रोज आते हैं
आस्था के केंद्र विंध्याचल धाम में देश के विभिन्न क्षेत्रों से प्रतिदिन लाखों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं। इनमें बिहार उत्तर प्रदेश, झारखण्ड, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, दिल्ली समेत तमाम स्थानों से भक्त आते हैं। प्रदेश की योगी सरकार ने विंध्याचल में पर्यटन के लिहाज से रोपवे को भाजपा नेता अमित शाह ने मुख्यमंत्री के साथ लोकार्पण किया था।
आसनसोल की प्रीति ने बताया कि वह चार-पांच साल से आ रही हैं। उन्होंने पहली बार रोपवे से सफर किया, उन्हें काफी अच्छा लगा। उन्होंने कहा कि ऊपर से सारा नजारा दिखता है, थोड़ा और ऊपर होता, वहां और चढ़ाई है तो ज्यादा अच्छा होता। बताया कि पहले बहुत सीढ़ियां चढ़नी पड़ती थीं।
मुन्ना रजक ने बताया कि उन्होंने पहली बार रोपवे की सवारी की है। उन्हें बहुत अच्छा लगा। वह यहां पर फैमिली के साथ माता के दर्शन करने आए हैं। बताया कि पहले बहुत परेशानी होती थी।
सुरक्षित सफर के लिए होती है निगरानी
रोपवे के प्लांट संचालक संजय सिंह ने लोगों के उत्साह की सराहना की। कहा कि पहली बार रोपवे में लोगों को सुरक्षित सफर कराने के लिए कर्मचारी कड़ी निगरानी रखते हैं। लोगों के बैठने के बाद रोपवे का गेट बंद हो जाता है। मंजिल पर पहुंचने के बाद ही गेट खुलता है। लोगों की भीड़ से सेवा में लगे कर्मचारी भी उत्साहित हैं। उनका कहना है कि पूर्वांचल के पहले रोपवे लोगों के लिए आकर्षण का केन्द्र बना है। सरकार के पहल की लोग सराहना कर रहे है।
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