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डाउनलोड करेंसपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्या के द्वारा रामचरितमानस पर बयानबाजी और ग्रंथ की प्रति जलाये जाने की श्रीविंध्य पंडा समाज के अध्यक्ष पंकज द्विवेदी ने कड़े शब्दों में निंदा किया। कहा कि लोकतंत्र के इतिहास में यह सबसे अभद्र टिप्पणी हैं। यह भारतीय संविधान पर हमला हैं। सनातन धर्म और आस्था पर प्रहार करने वालों की राजनैतिक सफर पर प्रतिबन्ध लगा देना चाहिए। अभिव्यक्ति की आड़ में करोड़ों लोगों की भावना पर कुठाराघात करने वाले को जनता माफ नहीं करेगी।
जगत जननी माता विंध्यवासिनी के दरबार श्रीविंध्य पंडा समाज के अध्यक्ष पंकज द्विवेदी और श्रीविंध्य पंडा समाज ने हिंदू समाज के धर्म ग्रंथों की निंदा करने वालों की घोर भर्त्सना की। कहा कि संविधान के विपरीत आम जन मानस की आस्था पर आघात करने वालों पर रोक लगाया जाय। जाति विशेष को प्रसन्न करके वोट के लिए सनातन धर्म पर प्रहार करना फैशन बनता जा रहा है। इस तरह समाज में जहर घोलने वालों की राजनीति पर बैन लगा देना चाहिए।
ऐसे लोगों को राजनीति से हटा दिया जाना चाहिए
चुनाव आते ही जाति विशेष को प्रसन्न करने के लिए देवी देवताओं को कभी बॉलीवुड तो कभी कथित नेता अपमानित करने का अभियान शुरू कर देते हैं। सपा नेता स्वामी प्रसाद के बयान पर उन्हें दंडित करने के बजाय सपा मुखिया ने राष्ट्रीय महासचिव का पद देकर उनकी पीठ थपथपाने का काम किया हैं। अच्छा होता उन्हें राजनीति के गलियारे से ही बाहर कर दिया जाता।
प्रति जलाने वालों पर हो कड़ी कार्रवाई
श्री द्विवेदी ने कहा अखिल भारतीय ओबीसी महासभा के द्वारा रामचरित मानस की प्रति जलाए जाने को भगवान श्रीराम का अपमान और हिंदू समाज के साधू संतों और मानस प्रेमियों पर हमला करार दिया। कहा कि सामाजिक विद्वेष फैलाने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई किया जाय। जो अन्य के लिए सबक बन सकें।
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