पाएं अपने शहर की ताज़ा ख़बरें और फ्री ई-पेपर
डाउनलोड करेंआकाशीय बिजली गिरने से होने वाली क्षति से जान की रक्षा की जा सकती है। यह "दामिनी" ऐप के माध्यम से संभव है। यह जानकारी अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व शिव प्रताप शुक्ल ने दी। उन्होंने मंगलवार को मिर्जापुर में हुई चार मौतों पर दुःख जताया। कहा कि मृतकों के परिजनों को 4 लाख रुपए आपदा राहत कोष से देने की प्रक्रिया आरंभ कर दी गई है।
अपर जिलाधिकारी शिव प्रताप शुक्ल ने बताया, आकाशीय बिजली कब, कहां गिरेगी, अब यह बताना संभव हो गया है। इससे बचाव के लिए जागरूकता अति आवश्यक है। हम अपनी जागरूकता से अपनी जान के साथ ही दूसरों के जान बचा सकते हैं। गूगल प्ले स्टोर के माध्यम से "दामिनी" ऐप डाउनलोड करने पर तमाम जानकारी मिलती हैं। इसके माध्यम से करीब 35 से 40 मिनट पहले ही कहां बिजली गिरने वाली है, इसका पता लगाया जा सकता है।
जागरूकता ही बचाव का रास्ता
दैवीय आपदा के तहत आसमानी बिजली गिरने वाले स्थानों से दूर रहना पहला बचाव है। शिव प्रताप शुक्ल ने बताया कि बड़े वृक्ष, तालाब, पोखरा, बिजली के खंभे और खुला मैदान आकाशीय वज्रपात से ज्यादा प्रभावित होते हैं। आकाशीय बिजली की आशंका के दौरान पेड़ के नीचे नहीं खड़ा होना चाहिए। मैदान में सिर पर हाथ रख कर उकडू बैठने से आकाशीय बिजली से बचा जा सकता है।
जनपद के अलग-अलग थाना क्षेत्र में मंगलवार को आकाशीय बिजली की चपेट में आने से 2 बालिका समेत 4 महिलाओं की मौत हो गई थी। अदलहाट थाना क्षेत्र के बभनी गांव में आकाशीय बिजली के चपेट में आकर प्रिया 38 वर्ष एवं लीलावती 35 वर्ष की मौत हो गई। दोनों महिलाएं फरीदपुर गांव की निवासी थीं।
जो बभनी विद्यालय के पास अमृत योजना के तहत तालाब की खुदाई करके अपने गांव पैदल ही लौट रही थीं। दूसरी ओर हलिया थाना क्षेत्र के दिघुली गांव में आकाशीय बिजली की चपेट में आकर साधना 15 वर्ष की मौत हो गई, जबकि चर्खी खुर्द गांव में नंदिनी 8 वर्ष आकाशीय बिजली की चपेट में आकर दम तोड़ दिया।
Copyright © 2022-23 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.