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डाउनलोड करेंदिल्ली- देहरादून हाईवे (NH 58) पर गुरुवार आधी रात से टोल दरें बढ़ा दी गईं हैं। नई दर 30 जून की रात 12 बजे से लागू की गई हैं। लॉकडाउन में टोल दर नहीं बढ़ाई गई थी। एक जुलाई से यहां से गुजरने वालों को 5 रुपए से लेकर 80 रुपए तक का अतिरिक्त खर्च जनता पर पड़ेगा।
NHAI (National Highways Authority of India) मुख्यालय के मुताबिक व्यवसायिक वाहनों पर ज्यादा बोझ पड़ेगा। अभी तक सबसे कम टोल 95 रुपए लिया जा रहा था। नई दर लागू होने से अधिकतम टोल 620 रुपए तक पहुंच गया। कांवड़ यात्रा के समय एक सप्ताह तक टोल कंपनी को नुकसान रहता है।
35 हजार गाड़ियां हर रोज गुजरती हैं
सिवाया टोल प्लाजा पर हर साल एक जुलाई से टोल टैक्स दरों में वृद्धि की जाती है। यहां से 30 हजार से 35 हजार वाहनों का हर दिन आना-जाना होता है। वीकेंड में गाड़ियों की संख्या और बढ़ जाती है। करीब 15 हजार वाहन ऐसे हैं, जो सिवाया टोल बचाते हुए इसी हाईवे से अम्हेडा- सिखेड़ा रजवाहे की पटरी से मवाना रोड की तरफ निकलते हैं। 20 प्रतिशत वाहन लोकल यानी 10 किमी के दायरे में रोज निकलते हैं। लोकल वाहनों को छोड़कर कुल मिलाकर 20 हजार वाहन हर रोज टोल टैक्स देते हैं।
वाहन | पुरानी दर | नई दर |
कार | 95 | 110 |
जीप | 95 | 110 |
वैन | 95 | 110 |
हल्के वाणिज्य वाहन | 165 | 190 |
बस | 335 | 385 |
ट्रक | 335 | 385 |
बड़े वाणिज्य वाहन | 540 | 620 |
4 साल बाद इस टोल पर रेट बढ़े हैं
वेस्टर्न यूपी टोल वे कंपनी के डिप्टी मैनेजर प्रदीप चौधरी ने बताया, "टोल रेट बढ़ाने के लिए NHAI ने नई दरों को मंजूरी दी। 30 जून की रात 12 बजे से सिवाया टोल प्लाजा पर नए रेट लागू कर दिए गये। लोकल लोगों के लिए ये रेट 4 साल बाद बढ़ाए गए हैं।"
टोल बढ़ने से हर रोज 5 लाख का फायदा
दिल्ली देहरादून हाईवे तीन राज्यों को जोड़ता है। यह दिल्ली से शुरू होकर गाजियाबाद, मेरठ, मुजफ्फरनगर जिले से रुड़की, हरिद्वार को जाेड़ता है। जिससे दिल्ली, यूपी और उत्तराखंड का मुख्य मार्ग है।
इस टोल पर एक जुलाई से दरें बढ़ाई जाती हैं। यदि लोकल के वाहनों को छोड़ दिया जाए तो प्रतिदिन 20 हजार वाहन निकलते हैं। नई दरें जो बढ़ी हैं उनमें कार, जीप,वैन पर 15 रुपये बढ़े हैं। हल्के वाणिज्य वाहनों पर 25 रुपये बढ़े हैं। बस और ट्रकों पर 50 रुपये बढ़े हैं। बड़े वाणिज्य वाहनों पर 80 रुपये बढ़े हैं।
25 रुपये एक वाहन पर बढ़ने से हर रोज 20 हजार वाहनों पर 5 लाख रुपये का टोल कंपनी को फायदा पहुंच रहा है। एक माह यानी 30 दिन में यह फायदा एक करोड़ 50 लाख रुपये का बैठ रहा है।
साल में 18 करोड़ 25 लाख का फायदा
हर रोज 20 हजार वाहनों के हिसाब से टोलवे कंपनी को 5 लाख का अतिरिक्त फायदा होगा। साल यानी 365 दिनों में यह 18 करोड़ 25 लाख का सीधा फायदा होगा। इतना नुकसान जनता को भुगतना पड़ेगा।
हर रोज 40 लाख का टोल वसूला जाता है
दिल्ली देहरादून हाइवे पर मेरठ में सिवाया टोल प्लाजा है। हर रोज 20 हजार वाहनों का औसत देखा जाए तो एक वाहन से औसत 200 रुपये के अनुसार 40 लाख रुपये टोल से वसूले जाते हैं। न्यूनतम टोल 110 रुपये प्रति वाहन है। जबकि अधिकतम टोल 620 रुपये प्रति वाहन है। इसलिए प्रति वाहन 200 रुपये का औसत बैठता है।
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