पाएं अपने शहर की ताज़ा ख़बरें और फ्री ई-पेपर
डाउनलोड करेंकिसान आंदोलन पर राकेश टिकैत की आज प्रतिज्ञा भी पूरी हो गई। 3 कृषि कानूनों के विरोध में किसान आंदोलन की शुरूआत तो 26 नवंबर 2020 को हुई। 26 जनवरी को दिल्ली में किसान ट्रैक्टर परेड में हिंसा हुई। 28 जनवरी 2021 जो जब यूपी पुलिस ने गाजीपुर बार्डर से राकेश टिकैत की गिरफ्तारी का प्लान बनाया तो राकेश टिकैत की आंखों से आंसू बहने लगे। टिकैत ने यहीं से ऐलान कर दिया था, 'सरकार चाहे कुछ भी कर ले, जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं होंगी, घर वापसी नहीं होगी। यह राकेश टिकैत की प्रतिज्ञा है। यदि सरकार ने लाठी तंत्र के बल पर गिरफ्तार किया तो आत्महत्या भी मंजूर है'।
राकेश टिकैत ने आंदोलन को दी नई धार
किसान नेता के रूप में 28 जनवरी को राकेश टिकैत की गाजीपुर बार्डर पर रोते हुए वीडियो वायरल हुई तो आंदोलन को नई धार मिली। इसके बाद भाकियू की राजधानी मुजफ्फनगर के सिसौली में रात में ही नरेश टिकैत ने पंचायत बुला ली। इसके बाद वेस्ट यूपी से किसान गाजीपुर बार्डर पर पहुंचने लगे। अगले दिन मुजफ्फरनगर के जीआईसी में किसानों की महापंचायत हुई, जिसके बाद सरकार किसानों के आंदोलन के आगे बैकफुट पर आती गई।
यह किसानों की जीत है..
सरकार द्वारा सभी माांगों के लिए सहमति पत्र दिए जोन के बाद संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले बृहस्पतिवार को 378 दिन बाद किसान आंदोलन खत्म कर दिया गया। किसानों की घर वापसी 11 नवंबर को होगी। भारतीय किसान यूनियन के युवा नेता गौरव टिकैत भी किसानों के बीच में हैं।
गौरव टिकैत ने कहा की यह किसानों की जीत है, घर छोड़कर गये थे और बहुत कुछ लेकर आए हैं। हमारे 700 से ज्यादा किसानों की इस आंदोलन में मौत हुई है। जब भी किसानों को कुचलने का प्रयास किया जायेगा तो किसान हर तरह से लड़ने के लिए तैयार हैं। राकेश टिकैत ने किसानों ने किसानों के बीच कहा कि पहले सब किसान घर जायेंगे, उसके बाद मेरी घर वापसी होगी।
Copyright © 2022-23 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.