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डाउनलोड करेंयूपी समेत दूसरे कई राज्यों में बारिश के अब वेस्ट यूपी कड़ाके की सर्दी की चपेट में है। मंगलवार को जहां धुंध छाई रही। बुधवार तड़के भी कड़ाके की ठंड है। मौसम विभाग के वरिष्ठ वैज्ञानिकों का कहना है कि पहाड़ों पर बर्फ पड़ने के साथ मैदानी इलाके शीत लहर की चपेट में है। सर्दी इस समय पूरे सितम पर पहुंच गई है। इस सीजन में 11 जनवरी का दिन सबसे ठंडा रहा। जहां अधिकतम तापमान 14 डिग्री तक आ गया।
5 राज्यों में हुई थी बारिश
मौसम विभाग के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ शमीम का कहना है की पहाड़ों पर बने विक्षोभ के चलते मौसम बदला। 5 जनवरी से ही वेस्ट यूपी में बारिश जैसा मौसम रहा। 6 जनवरी को यूपी, पंजाब, दिल्ली, एनसीआर, बिहार व उत्तराखंड में बारिश हुई तो मैदानी इलाकों में जुलाई माह जैसा मौसम बन गया। जनवरी माह में दो दिन में बारिश ने पिछले 42 साल का रिकार्ड तोड़ दिया। बेमौसम बारिश से फसलों को भी नुकसान हुआ है।
इसी सप्ताह 89 मिमी बारिश दर्ज की गई। बारिश से पहले जनवरी के पहले सप्ताह में न्यूनतम तापमान 3 डिग्री तक पहुंच गया। जबकि अधिकतम तापमान 20 डिग्री के आसपास बना हुआ था। बारिश के बाद अब सर्दी और भी बढ़ी है। मंगलवार को दोपहर तक कोहरा रहा। बुधवार सुबह भी मौसम साफ नहीं है। दृश्यता बहुत कम है।
धुंध जैसा मौसम
मौसम विभाग का कहना है की अभी कोहरे से राहत नहीं है। मेरठ, गाजियाबाद, नोएडा, बुलंदशहर, हापुड़, बागपत, सहारनपुर, शामली, मुजफ्फरनगर के अलावा बिजनौर, अमरोहा, मुरादाबाद मंडल, आगरा व अलीगढ़ मंडल के जिलों में भी कोहरे से आने वाले दिनों में राहत नहीं है।
मंगलवार को पूरे दिन धूप नहीं खिली। वेस्ट यूपी, एनसीआर में कड़ाके की सर्दी पड़ रही है। इससे पहले मंगलवार शाम चार बजे ही हल्की धुंध छा गई। जिससे वाहन चालकों को लाइट जलाने का सहारा लेना पड़ा। बुधवार को भी धूप नहीं खिली है।
मौसम विभाग के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ एन सुभाष ने बताया की इस सीजन में 11 जनवरी का सबसे ठंडा दिन रहा। अधिकतम तापमान 14 डिग्री रिकार्ड किया गया। न्यूनतम तापमान 6.5 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। अगले दो दिन तक भी वेस्ट यूपी में कोहरे के आसार रहेंगे। 6 जनवरी को दिन का अधिकतम तापमान 19.5 डिग्री और न्यूनतम तापमान 10.2 डिग्री था।
किसानों को भी परेशानी
सर्दी में किसानों को भी परेशानी होने लगी है। पांच दिन बारिश के चलते जहां फसलों को नुकसान हुआ तो गन्ने की फसल की छिलाई प्रभावित हुई। गन्ने के खेत में पानी भरने के चलते गन्ना खेत से निकालने में परेशानी हो रही है। वहीं अब कोहरे ने गन्ना किसानों के लिए परेशानी बढ़ा दी है। सरसों की फसल पर भी फूल बनने के साथ फली भी बनने लगी है। बारिश से गेंदा की फसल को भी नुकसान हुआ है। एक तो फूल नहीं टूट पाए। दूसरी तरफ बाजार में मंडी का दाम 50% घट गया।
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