पाएं अपने शहर की ताज़ा ख़बरें और फ्री ई-पेपर
डाउनलोड करेंयूपी विधानसभा चुनाव में 'यूपी में बाबा हैं, यूपी में बाबा' गाकर कवियत्री नेहा राठौर का पलटवार करने वाली कवियत्री अनामिका अंबर इन दिनों फिर चर्चा में हैं। मेरठ निवासी डॉ. अनामिका जैन अंबर ने ताजमहल के बंद कमरों को खोलने का जिक्र करते हुए गीत लिखा है। दैनिक भास्कर से बातचीत में अनामिका ने कहा कि ताजमहल के बाद वो जल्द कुतुबमीनार, कृष्ण जन्मभूमि और ज्ञानवापी मस्जिद सहित राष्ट्र की अन्य धरोहरों पर गीतों की सीरीज लेकर आ रही हैं। पेश है उनसे बातचीत के प्रमुख अंश...
सवाल- ताजमहल के बंद कमरों पर गीत लिखने का क्या कारण है?
जवाब- इस समय पूरे देश में ताजमहल के बंद कमरों की बात चल रही है। देश चाहता है इसका सही पक्ष सामने आए। हालांकि, कुछ लोग नहीं चाहते कि ऐसा हो। इसमें बीच का रास्ता निकाला जाना चाहिए। कुतुब मीनार को लोग, विष्णु स्तंभ बता रहे हैं। ये बातें अचानक से नहीं सामने आ रही हैं। सालों से इन सवालों के जवाब तलाशने के लिए याचिकाएं डल रही हैं। मगर, जनता के सामने आज ये सवाल आए हैं। इसमें बुराई क्या है। क्या फर्क पड़ता है ताजमहल कहो या तेजोमहालय, ये भारत की धरोहर हैं।
नहीं स्तंभ को मीनार के टकराव से पूजें
विषय है देश की पहचान का, हम चाव से पूजें।।
बुरा क्या है अगर इक रास्ता ऐसे निकल जाए
जिसे तुम प्रेम से देखो, उसे हम भाव से पूजें।।
सवाल- आपको क्या लगता है ताजमहल के बंद दरवाजे खुलने चाहिए?
जवाब- ताजहल राष्ट्र की धरोहर है, विश्व पटल पर भारत को लोग इसके बारे में सोचते हैं या इसका नाम लेते हैं। दुनियाभर के लोग भारत में ताजमहल देखने आते हैं, तो देशवासियों को लगता है कि यहां कोई ऐसा राज है जो हमें नहीं पता, तो वो लोगों को पता होना चाहिए। वो कहते हैं कि सांच को आंच नहीं होती, तो ये हकीकत भी सबके सामने आनी चाहिए। ताजमहल के बंद दरवाजे खुलने चाहिए।
प्रेम के इस महल में कई द्वंद क्यों हैं इतने सालों से दरवाजे बंद क्यों हैं? प्रश्न पूरे हैं, पर उत्तर चंद क्यों हैं इतने सालों से दरवाजे बंद क्यों हैं?
सवाल- चर्चा तो कुतुबमीनार, ज्ञानवापी, कृष्ण जन्मभूमि का भी है, इस पर भी कुछ लिख रही हैं?
जवाब- इन विषयों पर भी जल्द मेरे नए गीत जनता के सामने होंगे। मगर, उससे पहले मैं कहना चाहूंगी कि हम देश के हैं, ये राष्ट्र की धरोहर हमारी हैं।
प्रेम की निशानी है श्रृद्धा का आलय
अब कहो ताज इसको या तेजो महालय।
राष्ट्र की है धरोहर अद्भुत कलालय
अब कहो ताज इसको या तेजो महालय।।
सवाल- आज से पहले क्यों नहीं आपने इस मुद्दे पर गीत लिखे?
जवाब- देखिए, सही समय पर सही बात कही जाए, तो सुनी जाती है। हर बात का एक समय होता है। राष्ट्रीय एकता, राष्ट्रीय इतिहास को लेकर मैं लिखती रही हूं, आगे भी कहूंगी, कहती रही हूं।
Copyright © 2022-23 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.