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डाउनलोड करेंउत्तराखंड का गैंगस्टर और चिटहेरा भूमि घोटाले का मुख्य आरोपी यशपाल तोमर की कंपनी को ग्रेटर नोएडा की एंटी टास्क फोर्स समिति ने भूमाफिया घोषित कर दिया है। पिछले दिनों मेरठ के ब्रहमपुरी थाने में दर्ज गैंगस्टर एक्ट के मुकदमे के तहत यशपाल की संपत्ति जब्त की आज कार्यवाही की जा रही है। ग्रेटर नोएडा में यशपाल तोमर की 135 बीघे जमीन पर कुर्की की कार्रवाई हो गई है। जमीन की कीमत करीब 100 करोड़ रुपए बताई जा रही है।
मेरठ के दो थाने ब्रह्मपुरी और परातापुर के साथ ही ग्रेटर नोएडा के दादरी थाने की पुलिस और 70 लोगों की सीओ क्यूआर्टी की टीम पहुंची। साथ में पुलिस के आला अधिकारी भी थे। पिछले 15 दिनों से मेरठ के एएसपी ब्रह्मपुरी विवेक चंद्र यादव इसकी कुंडली खंगाल रहे थे। इसी थाने में 2020 में इसके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। हरिद्वार एसटीएफ की मदद ली। इसके पास बागपत, ग्रेटर नोएडा, दादरी में इसकी जमीने होने की जानकारी मिली है। बाकी जमीनों की कुर्की भी जल्द की जाएगी।
कभी पश्चिमी यूपी और उत्तराखंड में यशपाल तोमर की तूती बोलती थी। मगर, हरिद्वार पुलिस ने पिछले दिनों यशपाल को दिल्ली से गिरफ्तार करने के बाद रोशनाबाद जेल में बंद कर दिया है। रसूख हवा हो गया है और अब कब्जाई गई जमीनों की कुर्की शुरू हो गई है।
मेरठ एसपी विवेक ने बताया, ब्रह्मपुरी थाने में यशपाल तोमर के खिलाफ कई मामले दर्ज हैं। वह गैंगस्टर एक्ट में भी वांछित है। पुलिस ने इसकी संपत्ति की जानकारी निकाली, तो पता चला कि अपने 3 नौकर कर्मवीर, बेलू और कृष्णपाल के नाम पर यहां जमीन ली है। तीनों का एक जॉइन अकाउंट खुलवाया है। यशपाल के ससुर ज्ञानचंद के अकाउंट से उस खाते में रुपए का ट्रांजैक्शन किया गया। एसपी विवेक ने बताया, जिस खातों से ट्रांजैक्शन हुए हैं, उनको फ्रीज कर दिया गया है। इसी मामले में आज की कार्रवाई की गई है।
पढ़िए यशपाल तोमर के गैंगस्टर बनने की पूरी कहानी...
किसान से गैंगस्टर बनने का सफर
बागपत बरवाला थाना क्षेत्र रमाला गांव निवासी यशपाल तोमर पेशे से किसान था। परिवार में पांच भाइयों के पास करीब नौ बीघा जमीन थी। यशपाल ने साल 2000 में कार चोरी के फर्जी कागजात बनवाने से अपराध की दुनिया में कदम रखा था। उसने गुरुग्राम से चोरी की गई गाड़ी के फर्जी दस्तावेज बनवाए और बागपत के किसी शख्स के पहचानपत्र के आधार पर उन्हें कोर्ट में पेश करके किसी और के नाम से कार रिलीज कराई। इसके बाद यशपाल का फर्जीवाड़ा रुका नहीं। यहां तक कि उसने कोर्ट से एनकाउंटर के दौरान जब्त मारुति कार को भी फर्जी तरीके से रिलीज करा लिया।
जमीनों को फर्जी कागज बनवाकर हड़पने से लेकर वो लोगों पर फर्जी मुकदमे कराने लगा। धीरे-धीरे उत्तराखंड में लोग उसे कुमांऊ गैंगस्टर बुलाने लगे। साल 2002 में हरिद्वार के थाना कोतवाली में पुलिस पर जानलेवा हमला, हथियार लूटने और धोखाधड़ी के आरोप में यशपाल को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। आज अरबों रुपए की संपत्ति कब्जाने वाला यशपाल कार चोरी के फर्जी कागजात बनवाने से लेकर जमीनों की फर्जी रजिस्ट्री कराने और फर्जी मुकदमे करवाने में माहिर है।
दिल्ली, देहरादून, नोएडा तक बनाई अवैध संपत्ति
जिस 140 बीघा जमीन पर यशपाल कालोनी बनाने की तैयारी में था, अरबों रुपए की यह जमीन उसके तीन नौकर कृष्णपाल, कर्मवीर, वेलू के नाम थी। यशपाल के ससुर ज्ञानचंद का भी इसमें नाम आ रहा है। दरअसल, जमीन का कुछ हिस्सा अधिग्रहण में चला गया था, जिसका पैसा उसके ससुर ज्ञानचंद के खाते में गया था। मेरठ के एएसपी ब्रह्मपुरी विवेक यादव के अनुसार, यशपाल ने दिल्ली, देहरादून, ग्रेटर नोएडा सहित अन्य जिलों में ऐसे ही संपत्ति अवैध तरीके से बनाई है। गुमराह करने के लिए यह जमीन रिश्तेदारों के नाम से खरीदी थी।
20 बीघा जमीन के चक्कर में कराया हमला
मेरठ की एसपी क्राइम अनीत कुमार के अनुसार, 9 नवंबर 2020 को यशपाल तोमर ने दिल्ली के निर्माण विहार के रहने वाले गिरधारी चावला, उसके ड्राइवर गौरव पर मेरठ में 20 बीघा जमीन हथियाने के लिए शूटर बुलवाकर जानलेवा हमला कराया था। मेरठ के बिजली बंबा बाइपास पर गौरव को गोली भी लगी थी। बाद में गिरधारी के बेटे सचिन ने यशपाल और उसके साथी धीरज डिगानी के खिलाफ मुकदमा कराया था। धीरज डिगानी दिल्ली का रहने वाला है।
मेरठ पुलिस ने दर्ज किया मुकदमा
बताया जा रहा है कि मूलरूप से बागपत के बरवाला गांव का रहने वाला यशपाल तोमर वर्तमान में दिल्ली पटपड़गंज के यूनेस्को अपार्टमेंट में रहता है। यशपाल से जुड़ी फर्म त्रिदेव रिटेल प्राइवेट लिमिटेड को भी भूमाफिया घोषित किया है। मेरठ पुलिस ने 20 दिन पहले ब्रह्मपुरी थाने में यशपाल पर फर्जी मुकदमे कराने और धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया था।
यशपाल तोमर पर 18 मुकदमे मेरठ के साथ-साथ कई जिलों में दर्ज हैं। वहीं यशपाल तोमर ने सिंडिकेट बनाकर कई राज्यों में जमीन हड़पने का काम किया है। यशपाल तोमर उत्तराखंड का बड़ा गैंगस्टर है। यह पहले अपने गिरोह के लोगों द्वारा हत्या, बलात्कार, अपहरण-जान से मारने की धमकी, रोड एक्सीडेंट जैसे काम को अंजाम देकर लोगों को उसमें फंसाता था। लोगों पर मुकदमा दर्ज कराकर उन्हें जेल भिजवा देता था। सलाखों के पीछे भेजते ही शातिर यशपाल तोमर पीड़ित लोगों से समझौते के नाम पर ब्लैकमेल का खेल खेलता था।
देहरादून, लोनी, बागपत में जब्त हो चुकी संपत्ति
यशपाल की 153 करोड़ की जमीन एसटीएफ हरिद्वार जब्त कर चुकी है। सप्ताह भर पहले लोनी रेल विहार कॉलोनी में यशपाल की साढ़े 11 करोड़ कीमत की दो संपत्तियों को प्रशासन ने कुर्क कर लिया। अप्रैल 2022 में बागपत में यशपाल के लगभग 118 लाख कीमत के दो प्लाट और कृषि भूमि को कुर्क कर सील किया गया। इसमें 8 लाख रुपए के 148 वर्ग गज का प्लाट, 20 लाख कीमत का 427 वर्ग गज का प्लाट, 90 लाख कीमत की 12.447 हेक्टेयर जमीन शामिल है।
ऐसे करता था खेल
साल 2004 में हरिद्वार के व्यापारी के खिलाफ थाना सरसावा और साहिबाबाद थाने में अपने साथियों के साथ मिलकर अपहरण, बलात्कार के फर्जी मुकदमे दर्ज कराए। मुकदमे वापस लेने के एवज में दबाव बनाकर व्यापारी की भूपतवाला स्थित करोड़ों की जमीन औने-पौने दाम में खरीद ली। यशपाल के गैंग से जुड़े महिला और पुरुष उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, पंजाब, राजस्थान के अलग-अलग जगहों पर लोगों को फर्जी मुकदमों में फंसाकर उनकी जमीनें हड़पने का काम करते थे।
बुलेटप्रूफ कार भी रखता है ये गैंगस्टर
बताते हैं कि यशपाल ने मेरठ से एक बुलेटप्रूफ कार तैयार कराई थी, जो उसके पास है। आस-पास के इलाके में उसका रसूख भी जबरदस्त है। वह गांव के आयोजनों में बतौर मुख्य अतिथि जाता था। इस दौरान उसके साथ कई लोगों को हुजूम रहता था। गैंगस्टर यशपाल पर मेरठ, हरिद्वार, नैनीताल, सहारनपुर, गाजियाबाद में तमाम आपराधिक धाराओं में मुकदमे दर्ज हैं।
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