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डाउनलोड करेंप्रदेश में बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने का दम भरने वाली योगी सरकार में गरीबों को इलाज नहीं मिल पा रहा है। महोबा जिला अस्पताल में 3 दिन से एक व्यक्ति अपने विकलांग मौसेरे भाई के साथ इलाज के लिए चक्कर लगा रहा है, लेकिन उसे इलाज मिलना तो दूर डॉक्टर देखने तक को तैयार नहीं है। सोमवार को जब मरीज के सब्र का बांध टूट गया तो वह अस्पताल के गेट रोने-बिलखने लगा।
छत से गिरने के कारण टूटा पैर
बता दें कि अजनर थाना क्षेत्र के कैथौरा गांव निवासी पूरन 10 दिन पहले घर की छत से गिर गया था, जिससे उसके दोनों पैर टूट गए थे। गरीबी के चलते वह अपने गांव में ही वैद्य से इलाज कराता रहा, लेकिन उसे आराम नहीं मिला। ऐसे में गांव के लोगों के कहने पर वह अपने विकलांग मौसेरे भाई राजेंद्र के साथ इलाज कराने 3 दिन पूर्व जिला अस्पताल आया, लेकिन यहां डॉक्टरों ने उसे भीड़ होने के कारण अगले दिन आने के लिए कह दिया। तीन दिन से पूरन अस्पताल के चक्कर लगा रहा है, लेकिन उसे इलाज नहीं मिल पा रहा।
पूरन रोजाना 35 किलोमीटर से यहां आता है, लेकिन उसको इलाज नहीं मिल पा रहा। जमीन पर खिसकता किसी तरह वह अस्पताल तक आ जाता है, लेकिन उसे तब मायूसी हाथ लगती है जब डॉक्टर उसे फिर अगले दिन आने के लिए कह देते हैं। सोमवार को उसके सब्र का बांध टूट गया और अस्पताल के गेट पर ही रोने-बिलखने लगा।
डॉक्टर ने कहा- मरीज को मिलेगा इलाज
उसके साथ इलाज कराने पहुंचे विकलांग मौसेरे भाई राजेंद्र ने बताया कि वह खुद विकलांग है और उसे विकलांग होने का दर्द पता है। इसलिए पैरों से असहाय हो चुके पूरन के लिए के लिए 3 दिन से लगातार अस्पताल आता है, लेकिन उसे इलाज नहीं मिल पा रहा। मामला संज्ञान में आने के बाद सीएमएस डॉ. आरपी मिश्रा ने इलाज दिलाए जाने की बात कही है।
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